23 और 24 मार्च को ही अभ्यर्थियों तक पहुंच गई थीं कांस्टेबल भर्ती परीक्षा पेपर की फोटोस्टेट कापियां।

हिमाचल प्रदेश में पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले में मंडी पुलिस की ओर से धरे गए आरोपियों से पूछताछ के दौरान बड़ा खुलासा हुआ है। 27 मार्च परीक्षा से पहले ही 23 और 24 मार्च को मंडी समेत कुल्लू, सोलन, बिलासपुर में लीक पेपर की फोटोस्टेट कापियां पहुंच गई थीं। चारों जिलों के लीक पेपर अभ्यर्थियों तक पहुंचाने का समन्वय बल्ह का मनोज ठाकुर ही कर रहा था, जो 2009 में सीपीएमटी घोटाले में भी संलिप्त रहा है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार नेपाल के चंद्रगुप्त ने 23 मार्च को सोलन, कुल्लू और बिलासपुर में बंटने वाले पेपर मंडी में मनोज तक पहुंचाए। चंद्रगुप्त ने मनोज को पहले जीरकपुर आकर पेपर लेने के लिए कहा था, लेकिन मनोज ने मना कर दिया। इसके बाद चंद्रगुप्त को मंडी आना पड़ा। जीरकपुर में भी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का केंद्र बनाया गया था।

इस खुलासे के बाद वहां भी पेपर लीक होने की संभावना पर पुलिस काम कर रही है। पेपर लीक मामले का पूरा नेटवर्क व्हाट्सएप कॉल पर चला है। अकेले मनोज के पास तीन मोबाइल फोन थे। एक मोबाइल सिम और दो बिना सिम के थे। सिम भी किसी और के नाम का निकला है। सिम वाले फोन में इंटरनेट कनेक्शन को मनोज हॉटस्पॉट के जरिये जोड़ता और अन्य दो फोन से वह हिमाचल तक पेपर पहुंचने और आगे पहुंचाने का नेटवर्क को चला रहा था।

जब मनोज को पता लग गया कि वह धरा जाने वाला है तो उसने मोबाइल तोड़ दिए। पूछताछ के दौरान उसकी निशानदेही पर पुलिस ने मोबाइल फोन बरामद भी कर लिए हैं।  हिमाचल में पुलिस कांस्टेबलों के पदों की भर्ती के लिए 27 मार्च 2022 को लिखित परीक्षा का आयोजन किया था। परीक्षा में 74,757 उम्मीदवार शामिल हुए। इनमें से 26,346 ने लिखित परीक्षा पास की। जबकि 47,365 असफल रहे।

अमन की हुई शिनाख्त परेड
मंडी से पैसे लेकर आकाओं तक पहुंचाने वाले आरोपी अमन को शनिवार को अदालत में पेश किया गया। जहां से उसे तीन जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। वहीं शनिवार को अमन की शिनाख्त परेड भी हुई। जिसमें अभ्यर्थियों और जिस होटल में वह रुका था, उन्हें बुलाया गया। जहां उसकी पहचान हो गई है।

10वीं पास चंद्रगुप्त काठमांडू में जीता है अय्याशी से भरी जिंदगी
पुलिस कांस्टेबल भर्ती के लीक पेपर मंडी तक पहुंचाने वाला चंद्रगुप्त अय्याश किस्म का इंसान है। वह काठमंडू के कैसीनो में खूब पैसा उड़ाता है। वहां काफी रईस जिंदगी जी रहा है। पुलिस को यह भी अंदेशा है कि पेपर लीक के धंधे से कमाया पैसा उसने नेपाल में निवेश किया है। पेपर मंडी में पहुंचाने के लिए भी वह काठमांडू से ही आया था। पूछताछ के दौरान कई अहम सुराग पुलिस के हाथ लगे हैं। बता कि दक्षिण भारत में भी वह कई मामलों में सलिप्त है।

हर किसी की तय थी ड्यूटी
अब तक पुलिस पड़ताल में सामने आया है कि पेपर पहुंचाने से लेकर पैसा उठाने तक की हर किसी की तय ड्यूटी थी। सुनियोजित ढंग से पूरे प्रकरण को अंजाम दिया गया। पुलिस के अनुसार मास्टरमाइंड हरियाणा या आसपास का हो सकता है और पेपर लीक भर्ती की स्क्रिप्ट उसने काफी पहले से रच ली थी।