मंदिरों की संपत्ति श्रद्धालुओं की सेवा के लिए, न कि सरकार के खर्चों के लिए – इंद्रदत्त लखनपाल

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मंदिरों की संपत्ति श्रद्धालुओं की सेवा के लिए, न कि सरकार के खर्चों के लिए – इंद्रदत्त लखनपाल

भाजपा ने किया कड़ा विरोध, उच्च न्यायालय जाने की दी चेतावनी

बड़सर, 01 मार्च: हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा मंदिरों की निधि को सरकारी योजनाओं में उपयोग करने के फैसले पर भाजपा विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय न केवल हिंदू समाज की आस्था पर चोट है, बल्कि प्रदेश सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन को भी उजागर करता है।

मंदिरों की संपत्ति श्रद्धालुओं और कर्मचारियों के हित में हो

लखनपाल ने कहा कि मंदिरों में एकत्रित धन को श्रद्धालुओं की सुविधा और मंदिर ट्रस्ट के कर्मचारियों के कल्याण के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने मांग की कि:

✔️ मंदिरों की निधि से धार्मिक स्थलों में सुविधाओं का विस्तार किया जाए।
✔️ धर्मशालाओं, स्वच्छता व्यवस्था और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में इस धन का उपयोग हो।
✔️ ट्रस्ट कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा और बीमा योजनाओं का लाभ मिले।
✔️ किसी कर्मचारी की असमय मृत्यु होने पर उसके परिवार को सहायता प्रदान की जाए।

सरकार की फिजूलखर्ची पर उठाए सवाल

भाजपा विधायक ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकारी खजाने की दुर्दशा का कारण गैर-जरूरी खर्चे हैं, न कि मंदिरों की निधि की कमी। उन्होंने कहा कि:

➡️ करोड़ों रुपये विज्ञापन और प्रचार अभियानों पर खर्च किए जा रहे हैं।
➡️ कैबिनेट रैंक के सलाहकारों की नियुक्ति से सरकारी खर्च बढ़ रहा है।
➡️ सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन देने में सरकार असफल हो रही है।

लखनपाल ने सरकार को सुझाव दिया कि यदि अनावश्यक खर्चों पर रोक लगाई जाए तो आर्थिक स्थिति स्वतः ही बेहतर हो जाएगी।

भाजपा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी

लखनपाल ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस निर्णय को वापस नहीं लिया तो भाजपा न्यायालय में याचिका दायर करेगी। उन्होंने कहा कि मंदिरों की संपत्ति का दुरुपयोग किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। यह मामला आगामी बजट सत्र में भी प्रमुख रूप से उठाया जाएगा।

जनता को गुमराह कर रही सरकार

भाजपा विधायक ने कांग्रेस सरकार पर चुनावी वादों को न पूरा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जनता को भ्रमित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार जनता की आस्था और भावनाओं का सम्मान नहीं करती तो भविष्य में इसका राजनीतिक परिणाम भुगतना पड़ेगा।

भाजपा इस मुद्दे पर लड़ेगी पूरी लड़ाई

लखनपाल ने कहा कि भाजपा इस निर्णय को रद्द कराने के लिए हरसंभव कदम उठाएगी। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह मंदिरों के धन को श्रद्धालुओं की सुविधा और ट्रस्ट कर्मचारियों के कल्याण में लगाए, जिससे धार्मिक आस्था को सम्मान मिल सके।