एनईपी 2020 को लागू करने में बहुत सी चुनौतियां हैं

महाविद्यालयों में ढांचागत सुविधाओं का अभाव है शिक्षक स्टाफ की बहुत कमी है
नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्मारक राजकीय महाविद्यालय हमीरपुर में मंगलवार को एनईपी 2020 पर क्लस्टर सेमिनार का आयोजन किया गया ।सेमिनार की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला की ओर से आए हुए प्रतिनिधि प्रोफेसर अजय अत्री ने की ।इस सेमिनार में हमीरपुर जिले के सभी सरकारी और निजी महाविद्यालयों के प्राचार्य तथा नोडल ऑफिसर ने भाग लिया। नई शिक्षा नीति 2020 को महाविद्यालयों में किस तरह से लागू किया जाए और इसे लागू करने में महाविद्यालयों के सामने कौन-कौन सी समस्याएं आने वाली हैं उनका समाधान किस रूप में किया जाना चाहिए इन सभी मुद्दों के ऊपर सेमिनार में गहन चर्चा की गई ।सभी महाविद्यालयों की ओर से अपनी- अपनी समस्याओं को और एनईपी 2020 को लागू करने बारे आने वाली चुनौतियों से संबंधित प्रस्ताव को विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि को सौंपा गया । इससे पूर्व हमीरपुर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ चंदन भारद्वाज ने जिले भर से आए हुए कॉलेज प्राचार्य व नोडल अधिकारियों का स्वागत किया ।उन्होंने आग्रह किया कि एनईपी 2020 को लागू करने हेतु वास्तविक तथ्य सामने रखे जाएं जिससे कि विद्यार्थियों का अहित भी न हो। नीति को लागू करने से पूर्व सभी पक्षों के सुझावों को ध्यान पूर्वक सुन लेना चाहिए और उन्हें नीति लागू करने से पहले संपूर्ण तैयारी के साथ लागू किया जाना चाहिए ।प्रोफेसर अजय अत्री ने नई शिक्षा नीति 2020 पर पीपीटी के माध्यम से पाठ्यक्रमों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की और सभी उपस्थित सदस्यों को आश्वस्त किया कि उनके जो भी सुझाव होंगे वह सब के सब विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष रखे जाएंगे और इन चुनौतियों तथा सुझावों से सरकार को भी अवगत करवाया जाएगा । सभी वक्ताओं ने अपने अपने सुझावों में यह जरूर कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करने से पूर्व एक संपूर्ण तैयारी हो जानी जरूरी है । सेमिनार में धनेटा महाविद्यालय के प्राचार्य अश्वनी शर्मा, नादौन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल गौतम, सुजानपुर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर अजय सिंह बनयाल, बड़सर कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर अश्वनी शर्मा ,बीबीएन कॉलेज के प्राचार्य नरेश ठाकुर ,भोरंज कॉलेज से नोडल अधिकारी प्रतिनिधि जगजीत पटियाला, गौतम कॉलेज से नोडल अधिकारी प्रोफेसर शिप्रा ने इस नीति के। संदर्भ में अपने-अपने महाविद्यालयों की ओर से प्रस्तुत किए गए सुझावों को प्रोफेसर अजय अत्री को सौंपा सेमिनार के संयोजक डॉ अमरजीत लाल ने सेमिनार का संचालन किया और महाविद्यालयों में ढांचागत सुविधाओं को दुरुस्त करने का आग्रह किया ।मूल्यांकन प्रणाली के सुधार पर अपने सुझाव प्रस्तुत किए ।महाविद्यालयों में जो स्टाफ की कमी है उसे पूरा करने हेतु भी प्रस्ताव में आग्रह किया गया । महाविद्यालयों में नई शिक्षा नीति को वास्तविक रूप में है लागू करने हेतु कम से कम पच्चीस सौ शिक्षकों की आवश्यकता है। वर्तमान में केवल पंद्रह सौ ही शिक्षक महाविद्यालयों में कार्यरत हैं। लगभग एक सौ महाविद्यालय बिना प्राचार्य के चल रहे हैं । इस अवसर पर उप प्राचार्य डॉ एम एस मिश्रा ,प्रोफेसर विजय कौंडल ,डॉक्टर विजय ठाकुर, डॉ विजय कुमार, डॉक्टर वैशाली सिंह, डॉक्टर संगीता सिंह, डॉक्टर डॉक्टर संजय कांगो, डॉक्टर दिनेश, डॉक्टर संजय ठाकुर, प्रोफेसर बीके जुनेजा, डॉक्टर रजनीश,प्रो राजीव कुमार, प्रोफेसर कुलजीत समेत महाविद्यालय के अनेक शिक्षक उपस्थित रहे ।