एससी-एसटी के अधिकारों की रक्षा के लिए हैं कड़े प्रावधान

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एससी-एसटी के अधिकारों की रक्षा के लिए हैं कड़े प्रावधान

भोरंज 22 फरवरी। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम-1989 के विभिन्न प्रावधानों की जानकारी आम लोगों तक पहुंचाने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने शनिवार को ग्राम पंचायत पट्टा में एक जागरुकता शिविर आयोजित किया। स्थानीय पंचायत प्रधान गीता देवी की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में लोगों को अधिनियम के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की गईं।
इस अवसर पर तहसील कल्याण अधिकारी बलदेव सिंह चंदेल ने बताया कि एससी और एसटी वर्ग के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए इस अधिनियम में बहुत ही कड़े प्रावधान किए गए हैं। उन्हांेने कहा कि हर नागरिक को किसी भी धार्मिक स्थल, स्कूल, कालेज, समारोह या सार्वजनिक स्थानों पर जाने की पूरी स्वतंत्रता है। यदि उसके साथ कोई व्यक्ति अशोभनीय या अभद्र व्यवहार और भेदभाव करता है तो इसके दोषी व्यक्ति को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत सजा का प्रावधान है। तहसील कल्याण अधिकारी ने लोगों को अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी। इसके अलावा उन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से भी अवगत करवाया तथा पात्र लोगों से इन योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने नशे की समस्या को पूरी तरह समाप्त करने के लिए सभी लोगों से आगे आने का आह्वान किया। बलदेव सिंह चंदेल ने शिविर में भाग लेने के लिए सभी लोगों का धन्यवाद भी किया।
इस मौके पर बाल विकास परियोजना अधिकारी रवि कुमार, वृत्त पर्यवेक्षक कुंता देवी और अन्य लोग उपस्थित थे।