सुख सरकार के बजट में दिव्यांगजनो का जिक्र तक नही।

हिमाचल प्रदेश की सरकार सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में आने के बाद शुक्रवार को बजट पेश किया गया उसमें दिव्यांगों को बजट में किया अनदेखा किया सुख की सरकार में हर वर्ग को कुछ ना कुछ दिया गया लेकिन दिव्यांगों को दरकिनार कर दिया गया हिमाचल प्रदेश में सबसे पिछड़ा हुआ वर्ग दिव्यांग है क्या दिव्यांग भी हिमाचल प्रदेश का अंग नहीं है दिव्यांग वर्ग ने भी सरकार से बहुत आस लगाई हुई थी की सुख की सरकार दिव्यांगों को भी मुख्यधारा से जुड़ने का प्रयत्न करेगी लेकिन दिव्यांगों को निराशा हाथ लगी दिव्यांगों ने कई बार सरकार को अपनी डिमांड भेज कर सरकार को अवगत कराया और सरकार ने भी आश्वासन दिया था कि इस बजट में हम आपके लिए कुछ ना कुछ प्रबंध करेंगे लेकिन जब बजट पास हुआ तो दिव्यांगों का जिगर तक भी नहीं किया गया दिव्यांगों ने धर्मशाला से लेकर शिमला तक पैदल यात्रा करते हुए सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिले ताकि हमारी उचित मांगे पूरी की जाए फिर भी 2023 के बजट में हिमाचल प्रदेश की सरकार ने दिव्यांगों को दरकिनार कर दिया गया उनके बजट को खत्म कर दिया गया सहारा योजना जैसी स्कीम में जो बेड रिटर्न दिव्यांग है उनके लिए वरदान साबित थी उसके लिए भी कोई बजट नहीं दिया गया साथ ही तीन महीने की राशि निलंबित पड़ी है और ना ही उसमे वृद्धि की गई ना ही दिव्यांग पेंशन में बढ़ोतरी की गई एक दिव्यांग ही दिव्यांग की भावना को समझ सकता है लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने हमें हर चीज से वंचित कर दिया गया जैसे कि हम हिमाचल प्रदेश के स्थाई निवासी नहीं है जैसे कि हिमाचल प्रदेश के सब दिव्यांग यहां पर रिफ्यूजी की तौर पर रह रहे हैं कम से कम हमारे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार से आग्रह करता हूं की दिव्यांगों की पीड़ा समझो जो घर पर रहते हैं कैसे अपना जीवन गुजारा करते हैं कैसे उनकी जिंदगी का कठिन सफर सुबह शुरू होता है एक बार दिव्यांगों के घर पर जाकर देखना की कैसे अपना जीवन बसर करते हैं हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मेरा निवेदन है कि हमारे बजट का प्रबंधन किया जाए ताकि दिव्यांगों को राहत मिल सके ।