बड़सर विधानसभा में परमजीत ढटवालिया ने कहाकि लोक निर्माण बिभाग बड़सर में हुई निविदाओं की आरटीआई लेने पर पता चला कि टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता नन्हीं है क्योंकि ठेकेदार संजय कपिल ने अपने परिवार के नाम से अलग अलग लगभग 15 टेंडर लिये जिसमें विश्राम गृह बड़सर की रेनोबेसन के 46लाख 88 हजार 806 रुपये के लिए थे। हैरानी इस बात की है कि विश्राम गृह बड़सर के टैंडर अलग अलग लगने पर भी इन्हें ही क्यों मिलते रहे किसी औऱ ठेकेदार ने न भरे न निकले औऱ ये चार टैंडर अलग अलग तीन 481657 रु 345249रु 428745रु संजय कपिल ब एक 3433155रु का अर्पित कपिल के नाम से लिया जबकि पचास लाख रुपये का अकेला टैंडर भी लग सकता था।एक जगह एक ही काम के अलग अलग टैंडर हुये बिभाग इनपर क्यों मेहरबान है बिभाग की टैंडर प्रक्रिया की पारदर्शिता यहीं से पता चल रही है।जानकारी मिली है कि दयार की लगी लकड़ी के दरबाजे खिड़की बगैरा नय लगाने की जगह कहीं पुरानो को ही ठीक कर नया दरसाने की कोशिश की है जब मेजरमेंट बुक की आरटीआई माँगी तो बो न देकर दयार की लकड़ी का जबाब दिया कि स्टोर में पड़ी है। अब ये मेज़रमेंट बुक की कॉपी देखने से ही पता चलेगा। क्योंकि इससे पहले बिझड़ी विश्राम गृह की भी रेनोबेसन हुई थी बहाँ भी कई लाखों रुपये की दयार की लकड़ी निकली थी काफी दिन बिझड़ी स्टोर में पड़ी थी आरटीआई लेने पर पता चला कि बिझड़ी जेई ने किसी ठेकेदार के नाम से 24 हजार रुपये की जीआर कटबाकर इति श्री कर दी थी। अब बड़सर विश्राम गृह की लकड़ी का क्या होगा पता नहीं।
इसी तर्ज पर कपिल परिबार के नाम से कुल पँद्रह टेंडर मिले हैं अलग अलग कामों के जिनकी कीमत लगभग पौने दो करोड़ है।इन्हें इतने टैंडर लेकर करोड़ों रुपयों का काम बिभाग से कैसे मिला ये ही नहीं ऐसे ही और परिबारों को भी जिन्हें करोड़ों रुपए के पच्चीस पच्चीस कामों से नबाजा है उनका खुलासा भी आपके सामने रखा जायेगा।
ढटवालिया ने कहाकि लोकनिर्माण बिभाग बड़सर के अधिशाषी अभियंता की कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में है कि उन्होंने किसके इशारे पर इतने टैंडर तीन चार परिबारों को ही दिये जबकि बड़सर में लगभग सौ से ऊपर ठेकेदार रजिस्टर हैं फिर कार्य इन्हें ही क्यों बार बार दिये जा रहे हैं।