हिमाचल प्रदेश में पैराग्लाइडिंग हादसों से पर्यटकों की मौत: सुरक्षा मानकों पर उठ रहे सवाल
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा और कुल्लू जिलों में दो अलग-अलग पैराग्लाइडिंग हादसों में दो पर्यटकों की मौत हो गई है। यह दोनों घटनाएं 24 घंटों के भीतर घटीं, और इन हादसों ने पर्यटकों और साहसिक खेल प्रेमियों के लिए सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
धर्मशाला में हादसा: गुजरात की युवती की मौत
शनिवार शाम को धर्मशाला के इंद्रू नाग पैराग्लाइडिंग टेक-ऑफ प्वाइंट पर एक गंभीर हादसा हुआ। अहमदाबाद की 19 साल की खुशी भवसार, जो अपने परिवार के साथ धर्मशाला घूमने आई थी, की पैराग्लाइडिंग के दौरान मौत हो गई। दुर्घटना के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन गंभीर चोटों के कारण उनकी मौत हो गई। हादसे में पैराग्लाइडिंग सहायक गाइड को मामूली चोटें आईं।
पैराग्लाइडिंग का संतुलन बिगड़ा
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, उड़ान के बाद पैराग्लाइडर का संतुलन बिगड़ गया और दोनों जमीन पर गिर पड़े। पायलट मुनिश कुमार को मामूली चोटें आईं, जबकि खुशी को गंभीर चोटें आईं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, और यह पता लगाया जा रहा है कि क्या यह घटना तकनीकी खराबी के कारण हुई या सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई थी।
कुल्लू में दूसरा हादसा: तमिलनाडु के पर्यटक की मौत
कुल्लू जिले के गार्सा लैंडिंग साइट के पास भी एक पैराग्लाइडिंग दुर्घटना घटी, जिसमें तमिलनाडु के 28 वर्षीय पर्यटक जयश राम की मौत हो गई। पैराग्लाइडर की कलाबाजी के दौरान यह हादसा हुआ, जब वह दूसरे पैराग्लाइडर से टकरा गया और जमीन से 100 फीट ऊपर गिर गया। पायलट अश्विनी कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें इलाज के लिए चंडीगढ़ भेजा गया।
पैराग्लाइडिंग दुर्घटनाओं में वृद्धि
धर्मशाला और कुल्लू के इन हादसों के बाद सुरक्षा मानकों की अनदेखी और उपकरणों की सही जांच के मुद्दे एक बार फिर सुर्खियों में हैं। पिछले कुछ वर्षों में पैराग्लाइडिंग दुर्घटनाओं में वृद्धि ने पर्यटकों और प्रशासन दोनों को चिंतित कर दिया है। पुलिस और प्रशासन इन घटनाओं की जांच कर रहे हैं और पायलट से पूछताछ की जा रही है।
सुरक्षा मानकों की अनदेखी चिंता का विषय
धर्मशाला का इंद्रू नाग टेक-ऑफ प्वाइंट साहसिक खेलों के लिए प्रसिद्ध है, और यहां हर साल सैकड़ों पर्यटक पैराग्लाइडिंग का अनुभव करते हैं। लेकिन इन हादसों से यह साबित होता है कि पैराग्लाइडिंग के दौरान सुरक्षा मानकों की अनदेखी और उपकरणों की सही जांच न करना इन दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण हैं।