उत्तर प्रदेश सरकार का बजट 2025-2026: शिक्षा और तकनीकी विकास पर जोर

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उत्तर प्रदेश सरकार का बजट 2025-2026: शिक्षा और तकनीकी विकास पर जोर

लखनऊ, 20 फरवरी 2025 – उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-2026 के लिए 8 लाख 8 हजार 736 करोड़ 6 लाख रुपये का बजट पेश किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9.8 प्रतिशत अधिक है। इस बजट में शिक्षा, तकनीकी विकास और कौशल प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया है।

उच्च शिक्षा को बढ़ावा प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान योजना के तहत 600 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। साथ ही, रानी लक्ष्मीबाई स्कूटी योजना के अंतर्गत कॉलेज जाने वाली मेधावी छात्राओं को स्कूटी प्रदान करने के लिए 400 करोड़ रुपये की राशि रखी गई है। मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना हेतु 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। वहीं, मां विन्ध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया गया है।

प्राविधिक शिक्षा में सुधार प्रदेश में डिप्लोमा स्तर के 184 संस्थानों में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, जबकि 36 राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थान निर्माणाधीन हैं। राज्य के पॉलीटेक्निक संस्थानों में:

  • 251 स्मार्ट क्लास रूम स्थापित किए जा चुके हैं।
  • नवीन टेक्नोलॉजी से सुसज्जित उन्नयन/सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • स्मार्ट क्लास रूम और प्रयोगशालाओं के नवीनीकरण हेतु 10 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं।
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शिक्षा हेतु सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिए 1 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास तकनीकी प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में 286 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) संचालित हो रहे हैं, जिनमें 1,90,064 सीटें युवाओं के लिए उपलब्ध हैं। इनमें से 47 महिला शाखाओं के रूप में कार्यरत हैं और 12 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान केवल महिलाओं के लिए संचालित किए जा रहे हैं।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश प्रदेश में विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए:

  • विज्ञान पार्कों, साइंस सिटी और नक्षत्रशालाओं की स्थापना हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
  • आगरा में साइंस सिटी की स्थापना हेतु 25 करोड़ रुपये और वाराणसी में साइंस सिटी और नक्षत्रशाला के लिए 5 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
  • राज्य विश्वविद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं के विस्तार के लिए 50 करोड़ रुपये और राजकीय महाविद्यालयों के निर्माणाधीन भवनों को पूर्ण करने के लिए 52 करोड़ रुपये की राशि प्रस्तावित की गई है।