महिलाओं ने मशरूम की खेती के प्रशिक्षण के लिए केन्द्रिय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर का जताया आभार।

मार्च महीनें से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हमीरपुर जिले में महिलाओं के लिए विभिन्न प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन विशेष रूप से शुरू किया गया था। जिसके तहत आज जिला हमीरपुर के नादौन ब्लाक की गलोड़ पंचायत में 3 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें मशरूम की वैज्ञानिक खेती और रोग प्रबंधन पर विशेष तौर पर जानकारी प्रदान की गई। पिछले महीने यह कार्यशाला हमीरपुर की गाहलिया पंचायत में आयोजित की गई थी।
हमीरपुर जिले में मशरूम की खेती से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है और बड़ी संख्या में स्वयं सहायता समूहों ने इस संबंध में प्रशिक्षण प्राप्त किया है। गैनेडोर्मा जैसी औषधीय मशरूम में मुनाफा तो ज्यादा है ही साथ ही में यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है।
परंतु जिले के मशरूम की खेती करने वालों के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं। सबसे पहले, अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए मौसम के अनुसार किन किस्मों की खेती की जानी चाहिए। दूसरा, उपज का सही दाम प्राप्त करना।
इन मुद्दों को हल करने के लिए, एक्ट टू ट्रांसफॉर्म फाउंडेशन ने उत्तराखंड स्थित मशरूम कंपनी, हैन एग्रोकेयर के विशेषज्ञों को मशरूम की सर्वाेत्तम खेती के तरीकों के बारे में लोगों को बताने के लिए आमंत्रित किया। एक्ट टू ट्रांसफॉर्म संस्था और हैन एग्रोकेयर ने प्रशिक्षुओं से मशरूम की सुनिश्चित खरीद का तंत्र स्थापित करने के लिए एक समझौता किया है।
जिसके तहत गलोड़ और गाहलियां की 60 प्रतिशत महिला किसानों को 500 मुफ्त बैग प्रदान किए जाएंगे और उपज की खरीद के लिए 800 से 1000 रुपये प्रति किलो की गारंटी दी जाएगी। महिलाओं को वीडियो कॉल के माध्यम से प्रत्येक चरण में लगातार मार्गदर्शन किया जाएगा।
एक सामाजिक कार्यकर्ता पुष्पा वर्मा ने कहा, 60 महिलाओं के एक समूह को गैनेडोर्मा मशरूम की खेती करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है जो एक औषधीय किस्म है और लाभ मार्जिन बहुत बड़ा है। मैं श्री अनुराग सिंह ठाकुर जी का बहुत आभार एवं धन्यवाद करती हूं जिन्होंने हमें इसके लिए प्रेरित किया एवं हमें प्रशिक्षण दिलवा रहें है और अधिकतम वित्तीय लाभ प्राप्त करने के लिए हमारा मार्गदर्शन कर रहें है।