पेयजल की बर्बादी रोकने के लिए प्रशिक्षित होंगे युवा।

हिमाचल प्रदेश में पेयजल संकट जैसी स्थिति से निपटने के लिए जलशक्ति विभाग ने केंद्र सरकार के जिला जल एवं स्वचछता मिशन में एक नई पहल की है। आपको बता दें कि इसमें जल शक्ति विभाग हिमाचल प्रदेश में पेयजल बर्बादी रोकने के लिए ग्रामीण स्तर पर युवाओं को प्रशिक्षित करेगा। वहीं, इस योजना में प्रदेश भर में हजारों युुवाओं को प्लंबर, फीटर, पंप ऑपरेटर और इलेक्ट्रीशियन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। ट्रेनिंग पूरी करने वाले युवाओं को कौशल विकास केंद्र भारत सरकार की ओर से प्रमाण पत्र दिया जाएगा।

इसके बाद युवा अपनी-अपनी पंचायतों और गांवों में जलशक्ति विभाग की योजनाओं और ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली पेयजल बर्बादी को रोकने का काम करेंगे। जिला जल और स्वचछता मिशन के गांवों के लोग इन प्रशिक्षित युवाओं से मदद ले सकेंगे। इसके अतिरिक्त उन्हें प्रशिक्षण मिलने के बाद वे अपना निजी कार्य कर अपने लिए स्वरोजगार के साधन भी सृजित कर सकेंगे। जल शक्ति विभाग की ओर से प्रशिक्षित किए गए इन युवाओं को जहां प्रशिक्षण मिलेगा। वहीं वे अपने लिए रोजगार भी अपना सकेंगे।

वहीं, जल शक्ति विभाग धर्मशाला के अधिशाषी अभियंता सरवण ठाकुर ने बताया कि जिला कांगड़ा में इस योजना में 1150 के करीब युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसमें अभी तक 70 प्रतिशत युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है । इन युवाओं को यह प्रशिक्षण जल शक्ति मिशन में दिया जाएगा। युवाओं को प्रशिक्षण के साथ प्रमाण पत्र भी मुहैया करवाए जाएंगे।

केंद्रीय मंत्रालय के माध्यम से कांगड़ा में 320 युवाओं को प्लंबर, 420 युवाओं का फीटर, 100 युवाओं को इलेक्ट्रीशियन और 210 युवाओं को पंप ऑपरेटर का प्रशिक्षण मिलेगा। एक और दो सप्ताह के प्रशिक्षण के बाद इन युवाओं को भारत सरकार के कौशल विकास केंद्र की ओर प्रमाण पत्र भी दिए जाएंगे।