भविष्य को बचाने के लिए हर दिन बनाएं ‘पृथ्वी दिवस, कंचन भारद्वाज
भोटा स्थित दिव्य आदर्श पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आज विश्व पृथ्वी दिवस पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। स्कूल की चेयरपर्सन श्रीमती कंचन भारद्वाज ने इस अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “यदि हम आज भी नहीं जागे, तो हमारी आने वाली पीढ़ियों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।”
🌱 धरती माता का सम्मान, हमारी जिम्मेदारी
कंचन भारद्वाज ने अपने भाषण में कहा कि “हम धरती को ‘माता’ कहते हैं क्योंकि यह हमें जीवन देती है और हर संसाधन से हमारी आवश्यकताओं को पूरा करती है। लेकिन वर्तमान में मानव अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन कर रहा है। यदि यह स्थिति नहीं बदली गई, तो भविष्य की पीढ़ियों के लिए कुछ भी शेष नहीं रहेगा।”
🖼️ छात्रों ने दी पर्यावरण बचाने की प्रेरणा
कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने अपनी कला के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। चित्रकला प्रतियोगिता में बनाई गई पेंटिंग्स ने दर्शकों को गहराई से सोचने पर मजबूर किया। इसके अलावा, स्कूल के छात्रों ने स्थानीय क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान चलाया और एक जागरूकता रैली का भी आयोजन किया, जिसमें “धरती बचाओ – जीवन बचाओ” जैसे नारों के साथ लोगों को जागरूक किया गया।
🌍 क्यों मनाया जाता है पृथ्वी दिवस?
प्रत्येक वर्ष 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है ताकि समाज में पर्यावरण संरक्षण के प्रति चेतना लाई जा सके। इसकी शुरुआत वर्ष 1970 में अमेरिका से हुई थी। इसका उद्देश्य था लोगों को यह समझाना कि पृथ्वी पर बढ़ते प्रदूषण, वनों की कटाई, जलवायु परिवर्तन और जनसंख्या विस्फोट जैसी समस्याओं का समाधान कैसे किया जाए।
📢 कंचन भारद्वाज का संदेश
अपने संबोधन में कंचन भारद्वाज ने यह भी कहा कि “पृथ्वी दिवस को केवल एक दिन तक सीमित नहीं रखना चाहिए। बल्कि हर व्यक्ति को रोज़मर्रा की जिंदगी में छोटे-छोटे प्रयासों के ज़रिए धरती को बचाने में सहयोग देना चाहिए – जैसे कि जल की बचत, पेड़ लगाना, प्लास्टिक का कम इस्तेमाल करना और पुन: उपयोग की आदत डालना।