हिमाचल में कृषि-बागवानी को मिलेगा बड़ा प्रोत्साहन, मुख्यमंत्री ने की 2,000 करोड़ की योजना की घोषणा

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हिमाचल में कृषि-बागवानी को मिलेगा बड़ा प्रोत्साहन, मुख्यमंत्री ने की 2,000 करोड़ की योजना की घोषणा

शिमला, 24 अप्रैल 2025 — हिमाचल प्रदेश सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के उद्देश्य से कृषि और बागवानी क्षेत्रों के लिए इस वित्तीय वर्ष में 2,000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है। यह घोषणा मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान की, जिसमें कृषि, बागवानी और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण और विपणन की उन्नत व्यवस्था तैयार कर रही है, जिससे किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिल सके। उन्होंने बताया कि दुग्ध क्षेत्र में भी नवाचार को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं।

हिम गंगा योजना का विस्तार

ग्रामीण क्षेत्रों में पशुधन के महत्व को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि “हिम गंगा योजना” का पायलट प्रोजेक्ट हमीरपुर और कांगड़ा जिलों में शुरू किया गया है। साथ ही मंडी, कुल्लू और शिमला जिलों में 120 स्वचालित और 32 डिजिटल दूध संग्रहण इकाइयां स्थापित की जा रही हैं।

प्राकृतिक खेती को मिलेगा बढ़ावा

राज्य सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए भी पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, मुख्यमंत्री ने बताया कि प्राकृतिक खेती से उत्पादित हल्दी, गेहूं और मक्का के लिए क्रमशः 90 रुपये, 60 रुपये और 40 रुपये प्रति किलो का समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है। सरकार का लक्ष्य है कि इस वर्ष 1 लाख नए किसान प्राकृतिक खेती से जुड़ें।

साथ ही, इन किसानों को हिम परिवार रजिस्टर से जोड़ने की योजना भी बनाई गई है, जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिल सके।

बैठक में उपस्थित प्रमुख व्यक्ति:

बैठक में कृषि मंत्री प्रो. चन्द्र कुमार, बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी, विधायक आशीष बुटेल, मिल्कफैड अध्यक्ष बुद्धि सिंह ठाकुर, पशुपालन सचिव रितेश चौहान, और मिल्कफैड के प्रबंध निदेशक विकास सूद समेत कई अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।