2000 रुपये के नोट बंद होने से बैंकों और बाज़ार पर पड़ेगा ये असर।

रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया की ओर से 2000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने का फ़ैसला बैंकों में जमा राशि और मुद्रा बाज़ार में नक़दी को बड़े स्तर पर बढ़ा देगा. अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू ने एक रिसर्च के हवाले से इस रिपोर्ट को प्रमुखता से छापा है.

प्रेस रिव्यू में सबसे पहले पढ़िए, 2000 रुपये के नोटों के चलन से बाहर होने से बैंकों पर होने वाले असर से जुड़ी इस ख़बर को.

अख़बार ने रिसर्च रिपोर्ट के आधार पर कहा है कि अगर बाज़ार में मौजूद कुल 2000 रुपये के नोटों का एक तिहाई भी बैंकों में वापस जाता है तो इससे उसकी जमा राशि और बाज़ार में नक़दी बढ़कर 40 हज़ार करोड़ रुपये से लेकर 1.1 लाख करोड़ रुपये के बीच पहुंच सकती है.

इतना ही नहीं, रिपोर्ट में इस तरफ़ भी इशारा किया गया है कि अघोषित आय पर टैक्स से बचने के लिए जितने लोगों ने दो हज़ार रुपये के नोटों की जमाखोरी की, उन्हें अब गहने ख़रीदने और रियल एस्टेट सेक्टर में लगा दिया जाएगा. आरबीआई ने ये कहा है कि फ़िलहाल ये गुलाबी नोट लीगल टेंडर यानी वैध रहेंगे लेकिन लोगों को 30 सितंबर तक इन्हें बैंकों में वापस जमा करना है.