मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज ‘अध्यापकों के अंतर्राष्ट्रीय भ्रमण’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। प्रथम बैच में प्रदेश भर से चयनित 102 अध्यापकों को पांच दिवसीय भ्रमण पर भेजा जा रहा है, जो 24 फरवरी को सिंगापुर के लिए रवाना होंगे। मुख्यमंत्री ने चयनित अध्यापकों को विदेश भ्रमण की किट्स भी प्रदान कीं। उन्होंने कहा कि 15 मार्च को 98 अध्यापकों का दूसरा बैच अंतर्राष्ट्रीय भ्रमण पर भेजा जाएगा।
सभी चयनित अध्यापकों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेश में प्रशिक्षण के दौरान उन्हें शिक्षा क्षेत्र की नई तकनीकों से अवगत होने का अवसर प्राप्त होगा। शिक्षा के नए तौर-तरीकों को जानकर अध्यापक और छात्रों के बीच बेहतर समन्वय होने से छात्रों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि हिमाचल गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के मामले में 18वें स्थान पर खिसक गया है। वर्तमान राज्य सरकार शिक्षा में सुधार लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, ताकि विद्यार्थी भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप सक्षम बन सकंे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खोले जा रहे राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल शिक्षा में गुणात्मक सुधार की दिशा में एक अनूठी पहल है और आने वाले दस वर्षों में ये स्कूल सबसे बेहतर शैक्षणिक केंद्र बनकर उभरेंगे, जहां शिक्षा के साथ-साथ खेलों के लिए भी पर्याप्त सुविधा उपलब्ध होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र से सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी मीडियम में पढ़ाई होगी, स्कूलों को स्मार्ट यूनिफॉर्म चुनने का अधिकार दिया गया है तथा क्लस्टर बनाकर संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के दूसरे बजट में आत्मनिर्भर हिमाचल की सोच प्रस्तुत की गई है, जिसके सकारात्मक परिणाम आगामी वर्षों में दृष्टिगोचर होंगे। नई नीतियों व कड़े फैसलों से हिमाचल प्रगति पथ पर आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि नाजुक आर्थिक स्थिति के बावजूद प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास जारी हैं ताकि कर्ज पर निर्भरता को कम से कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कर्मचारियों को 4 प्रतिशत मंहगाई भत्ते की घोषणा की है। पुरानी पेंशन को भी बहाल किया गया है, जिससे लाखों सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिला है। यही नहीं राज्य सरकार ने अगले वित्त वर्ष से प्रदेश के कर्मचारियों को अपने सेवाकाल में कम से कम दो बार एलटीसी सुविधा प्रदान करने की घोषणा की है।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है जब शिक्षकों का पहला बैच अंतरराष्ट्रीय भ्रमण पर रवाना होने जा रहा है। इससे अध्यापकों को शिक्षा की नई पद्धतियां जानने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा गठन के बाद से ही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्राथमिकता के आधार पर शिक्षा विभाग में खाली पड़े पदों को भर रही है, ताकि सरकारी स्कूलों में गुणात्मक शिक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इस अवसर पर विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार, मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (आईटी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल, शिक्षा सचिव राकेश कंवर, उपायुक्त अनुपम कश्यप, राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा राजेश शर्मा, निदेशक उच्चतर शिक्षा अमरजीत शर्मा तथा अन्य गणमान्य उपस्थित थे।