अब ऊहल नहीं, कंज्याण का एसडीओ देखेगा मेवा बमसन उठाऊ पेयजल योजना

प्रदेश की पहली कंप्यूटरीकृत मेवा-बमसन लगवालती उठाऊ पेयजल योजना अब जल शक्ति विभाग भोरंज मंडल के अधीन होगी। कंज्याण उपमंडल के सहायक अभियंता इसकी देखरेख करेंगे।

इससे पहले यह योजना जलशक्ति विभाग मंडल हमीरपुर के ऊहल सब डिवीजन के अधीन थी और लंबे समय में इसे भोरंज मंडल के अंतर्गत करने की मांग पंचायत प्रतिनिधि सरकार व भोरंज के विधायक सुरेश कुमार से कर रहे थे। सरकार की स्वीकृति के बाद जल शक्ति विभाग ने इसे भोरंज मंडल के अधीन कर दिया है। इसका रखरखाव व संचालन भोरंज मंडल के अधिकारी करेंगे।

 

जल शक्ति विभाग मंडल भोरंज के अधिशासी अभियंता प्रदीप चड्ढा ने कहा कि मेवा-बमसन प्रोजेक्ट अब भोरंज मंडल के अधीन आ गया है। कंज्याण उपमंडल के सहायक अभियंता को इसका चार्ज लेने के आदेश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि योजना की मेन पाइप लाइन पुरानी होने की वजह से बड़ी समस्या पेश आ रही है।

 

214 गांवों से 153 गांव भोरंज क्षेत्र के

 

इस योजना से 214 गांवों को जोड़ा गया है। इसमें भोरंज विधानसभा क्षेत्र के सबसे अधिक 153 गांव शामिल किए गए हैं। टौणी देवी के आठ, गवारडू के सात, संगरोह क्षेत्र के 46 गांव शामिल हैं। गांवों की अधिक संख्या होने के कारण भोरंज को 71 प्रतिशत पानी की हिस्सेदारी बनती हैं जबकि यहां 33 फीसदी पानी ही मिलता है। ऊहल क्षेत्र ज्यादा पानी ले रहा है। इससे भोरंज क्षेत्र में पानी की समस्या बनी रहती है।

यह भी है समस्या 

विभाग ने स्थानीय पेयजल योजनाओं बौडू, कुनसरा व अन्य को बंद दिया है और मेवा-बमसन योजना से जोड़ दिया है। यही नहीं जल शक्ति विभाग ने बारी मंदिर और टौणी देवी को भी इस योजना से जोड़ दिया है। दूसरी ओर योजना की मेन पाइप लाइन पुरानी होने के कारण बार- बार टूट रही है। इसका सीधी असर भोरंज विधानसभा क्षेत्र में पड़ रहा है। सरकार के आदेश पर जल शक्ति विभाग के उच्च अधिकारियों ने मेवा-बमसन पेयजल योजना को भोरंज मंडल के अधीन करने के आदेश जारी किए हैं।