हिमाचल की जयराम सरकार ने शास्त्री एवं भाषाध्यापकों के वनवास को समाप्त किया- डॉ मनोज शैल।

विद्यालयों में संस्कृत हिन्दी एवं अंग्रेजी में प्रार्थना सभा की अधिसूचना का भी किया स्वागत।

हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद् एवं संयुक्त समिति शास्त्री एवं भाषाध्यापक ने प्रदेश सरकार के माननीय मुख्यमंत्री जयरामठाकुर का बजट में शास्त्री एवं भाषाध्यापकों को टीजीटी पदनाम की घोषणा का स्वागत किया है। इससे शास्त्री एवं भाषाध्यापकों का वनवास समाप्त होगा। हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद् के प्रदेशाध्यक्ष डॉ मनोज शैल संयुक्त समिति शास्त्री एवं भाषाध्यापक के संगठन मंत्री नरेश कुमार, संयोजक ज्ञानचंद , परिषद् के संरक्षक डॉ अरुण शर्मा, महासचिव अमित शर्मा, कोषाध्यक्ष सोहनलाल, उपाध्यक्ष अमरसेन,जंगछुब नेगी, परमदेव, तेजस्वी शर्मा, स़गठनमन्त्री योगेश अत्रि, प्रवक्ता शांता कुमार, सचिव ललित शर्मा, शेर सिंह, जगदीश, आईटी सैल विवेक शर्मा, अमनदीप शर्मा, कांगड़ा के महासचिव राजकुमार, ऊना के प्रधान बलवीर, बिलासपुर के राजेंद्र शर्मा, मण्डी के राजेश कुमार, कुल्लू के कुलदीप, शिमला के दिग्विजयेन्द्र, किन्नौर के बांगछेन, सिरमौर के रामपाल अत्रि, सोलन के दुर्गानंद, हमीरपुर के रजनीश, चम्बा के हेम सिंह ने संयुक्त रूप से कहा कि शास्त्री एवं भाषाध्यापकों की चिर लंबित मांग को पूरा करने की ऐतिहासिक घोषणा माननीय मुख्यमंत्री जी ने बजट भाषण में की है। शास्त्री एवं भाषाध्यापक एनसीटीई की अधिसूचना के अनुसार पात्र होते हुए भी इससे वंचित थे और लगातार इसके लिए वर्षों से निवेदन कर रहे थे। आज यह वनवास समाप्त हुआ है। इसके लिए हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद् प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जयरामठाकुर जी का शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर जी का तथा सहयोग देने के लिए संस्कृत भारती हिमाचल प्रदेश एवं हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ का हार्दिक आभार प्रकट करती है।

इसके साथ छात्रों में भाषाकौशल को विकसित करने के लिए निदेशक उच्चतरशिक्षा ने संस्कृत हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषा में भविष्य में होने वाली प्रार्थना सभाओं को करने के लिए आदेश जारी किए हैं। यह एकसराहनीय कदम है इससे इससे छात्रों के वाग्व्यवहार में दक्षता आयेगी। परिषद् ने निदेशक के साथ हुई बैठक में इस विषय को उपस्थापित किया था। इसके लिए भी हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद् निदेशक का आभार प्रकट करती है शीघ्र ही हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद् 15 मार्च के बाद सरकार का और सहयोगी संगठनों का अभिनन्दन करने के लिए कार्यक्रम करेगी।