पुलिस पे बैंड ओर माफिया राज पर मुकेश ने घेरी सरकार, कॉन्ट्रेट प्रथा करे खत्म।

हिमाचल प्रदेश पुलिस पे बैंड का मामला शुक्रवार को विधानसभा में गूंजा कटौती प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पुलिसकर्मी वर्कोवर में जाकर प्रदर्शन कर रहे हैं मुख्यमंत्री ने उन्हें पेमेंट का आश्वासन दिया था लेकिन बजट भाषण में कहीं भी इसका जिक्र नहीं किया गया है इन कर्मियों को 8 साल बाद ही संशोधित वेतनमान मिलता है । सरकार पुलिस का प्रयोग धरना करने वालो पर डंडे चलाने ओर मामले दर्ज करने के लिए प्रयोग करती है लेकिन इनके हक बहाल नही कर रही है।

सरकार ने जब कॉन्ट्रैक्ट पीरियड 2 साल का कर दिया है तो ऐसे में सरकार को चाहिए कि कॉन्ट्रैक्ट प्रथा पूरी तरह से खत्म कर नियमित रूप से सभी विभागों में भर्ती की जाए। प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर भी मुकेश अग्निहोत्री पर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में गुड़िया और होशियार प्रिंट मामले पर भाजपा ने जमकर राजनीति जी और उस के बल पर सत्ता पर काबिज हुई लेकिन प्रदेश में कानून व्यवस्था की हालत खस्ता है। गुड़िया और होशियार सिंह मामले में नहीं अभी तक कुछ आदमी लगा है प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ होने का नाम नहीं ले रही हैं हर रोज प्रदेश के किसी कोने में महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न के मामले सामने आ रहे हैं ।

इसके अलावा उना जिला के हरोली विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले सलोह में आईआईआईटी संस्थान को लेकर विपक्ष के नेता मुकेश अगिनहोत्री ने बडे फर्जीवाडे के आरोप लगाए हैं। मुकेश ने सरकार से इसकी जांच की मांग की है जिनका कहना है कि 135 करोड से बन रहे इस संस्थान को राज्य सरकार मैचिंग ग्रांट देती है लेकिन इसपर किसी तरह का नियंत्रण नहीं है। यहां पर जो फर्जीवाडा चल रहा है उसकी कोई खबर केन्द्र सरकार को भी नहीं या फिर मिलीभगत की जा रही है।

सदन में शिक्षा विभाग के कटौती प्रस्ताव पर बोलते हुए मुकेश ने कहा कि जब सरकारी कैंपस मौजूद था तो आईआईआईटी के लिए निजी व्यक्ति से किराए पर भवन क्यों लिया गया है। 9 लाख रूपए प्रतिमाह से यह कैंपस लिया गया जो किसी को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। इसके अलावा एक कैंपस रोपड में साढे 8 लाख रूपए प्रतिमाह की दर से लिया गया है जबकि वहां पर जाता कोई नहीं। उन्होंने कहा कि आखिर किसे लाभ देने के लिए ऐसा किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का नियंत्रण होना चाहिए ताकि हिमाचली लोगों के साथ अन्याय ना हो। केन्द्रीय संस्थानों मंे हिमाचली लोगों की अनदेखी की जा रही है। वहां पर जो भी नौकरियां दी जाती हैं वह बाहरी लोगों को मिलती है। ऐसे संस्थानों को नियमों के दायरे में लाया जाना चाहिए।

मुकेश ने मेधावी बच्चों को लैपटाॅप का मसला भी उठाया और कहा कि मंडी का कोई व्यक्ति निहाल बीच में बिचैलिया है, सरकार बताए कि आखिर यह व्यक्ति कौन है। उन्होंने स्कूल मैदानों को हेलिपैड में परिवर्तित करने पर नाराजगी जताई और अपने एरिया के ललडी स्कूल मैदान का जिक्र किया।