नौ सदस्यीय श्रीलंकन प्रतिनिधि मंडल ने जिला हमीरपुर का किया दौरा

हिमाचल प्रदेश सरकार के अंतर्गत फसल विविधिकरण प्रोत्साहन परियोजना के दूसरे चरण के तहत खंड परियोजना प्रबंधन इकाई हमीरपुर में महिला, बाल मामले और महिला सशक्तिकरण मंत्रालय, श्रीलंका तथा जाइका-श्रीलंका के अधिकारियों के नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने उत्कृष्टता केन्द्र  बड़ा और राधे कृृष्णा स्वयं सहायता समूह जंदली गुजरां का दौरा किया। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य स्वयं सहायता समूह की वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन करना, समूहों के समक्ष आने वाली चुनौतियों की पहचान करना व उनके सशक्तिकरण के लिए संभावित समाधान करना था।
जाइका के राज्य परियोजना निदेशक डॉ. सुनील चौहान ने बताया कि जाइका चरण-1 के तहत जिला हमीरपुर में लगभग 32 स्वयं सहायता समूह बनाए गए है व इन समूहों के मूल्य संवर्धन के लिए समय-समय पर विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह दौरा श्रीलंका के अधिकारियों को हिमाचल प्रदेश में कृषि और ग्रामीण विकास की दिशा में किए जा रहे महत्वपूर्ण प्रयासों की गहरी समझ प्रदान करेगा व यह दौरा दोंनों देशों के बीच विचारों के आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि यह दौरा ग्रामीण परिपेक्ष से जुडी महिलाओं के आत्मविश्वास को बढाएगा।
प्रतिनिधिमंडल ने खंड परियोजना प्रबंधन इकाई के अंतर्गत बनाए जा रहे सब्जी की फसलों की नर्सरी के उत्पादन के लिए उत्कृष्टता केन्द्र बडा का दौरा किया। यह केन्द्र विशेष रूप से हमीरपुर जिले और आसपास के क्षेत्रों के उन्नत सब्जीे उत्पादकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस केन्द्र के दौरे के दौरान श्री अमित ( इनोवेटिव गतिविधि विशेषज्ञ) ने श्रीलंका के अधिकारियों को उच्च तकनीक नर्सरी उत्पादन के बारे में अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि इस केन्द्र में प्लग ट्रे और कोकोपीट जैसी आधुनिक तकनीक का उपयोग करके बिना मिट्टी के सब्जियों जैसे कि टमाटर, शिमला मिर्च, बैंगन, मिर्चि, कट्टू वर्गीय फसलें व गोभी की पनीरी लगाई जाएगी। इस केन्द में लगभग 2ण्0 लाख पौध एक बार में व सालभर में पँाच से छह बार पौध का उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
प्रतिनिधिमंडल ने इस केन्द्र के बाद जाइका समर्थित राधे कृृष्णा स्वयं सहायता समूह जंदली गुजरां, तहसील नादौन का भी दौरा किया। खण्ड परियोजना प्रबधंक, हमीरपुर जीत राम ने समूह से परिचय करवाते हुए बताया कि इस स्वयं सहायता समूह की विशेषता पपीते की बर्फी है। यह स्वयं सहायता समूह पपीते की बर्फी, सीरा, सेवियां, विभिन्न प्रकार के आचार व चट्टनियां, बड़िया ंइत्यादि बनाते है। इसमें श्रीलंका की टीम नेे स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों के साथ सीधी बातचीत कर उनकी संरचना, कार्यप्रणाली, आर्थिक स्थिति, समूह में चल रही गतिविधियों व भविष्य की योजनाओं के बारे में चर्चा की। समूह के द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। श्रीलंका की टीम ने इन महिलाओं को अपने कार्य के प्रति उत्साहित देखकर महिलाओं को आगे बढने व आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी।
इस कार्यक्रम में बलजीत संधु (वरिष्ठविशेषज्ञ), रविन्द्र चौहान (उप -परियोजना निदेशक), योगिन्द्र पॉल कौशल ( उप-परियोजना निदेशक ), रीतू गुप्ता (उप -परियोजनानिदेशक ), अनूप कतना (जिला परियोजना प्रबंधक, हमीरपुर), संतोषगुप्ता (जिला परियोजना प्रबंधक, सोलन), राकेश शर्मा ( विषय वाद विशेषज्ञ ), आशीष आनंद ( विषय वाद विशेषज्ञ ), यशुलता शर्मा ( विषय वाद विशेषज्ञ ), जीतराम (खंड परियोजना प्रबंधक, हमीरपुर) ने भाग लिया।