सुजानपुर में मिसाल बनीं बेटियों के लिए प्रेरणादायक संवाद का आयोजन

सुजानपुर 28 जुलाई। विभिन्न क्षेत्रों में अपनी अद्वितीय उपलब्धियों के कारण आम जनमानस के लिए मिसाल बनीं विकास खंड सुजानपुर की 22 पंचायतों और नगर परिषद सुजानपुर की कुल 69 बेटियों के लिए शुक्रवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सुजानपुर के सभागार में प्रेरणादायक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय सुजानपुर द्वारा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के तहत 6 सत्रों में आयोजित किए गए इस संवाद कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट अनुभव एवं विशेषज्ञता रखने वाले वक्ताओं ने बेटियों को जीवन और समाज उपयोगी विषयों पर प्रेरणादायक विचारों एवं जानकारियों से अवगत कराया।
संवाद कार्यक्रम के प्रथम सत्र में ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ फाउंडेशन के राज्य प्रमुख एवं पंचायत समिति के उपाध्यक्ष राजेश कुमार ने चौंपियन बेटियों को तनाव प्रबंधन, व्यक्तिगत क्षमता निर्माण, सामुदायिक विकास और पर्यावरण सतर्कता जैसे विषयों पर प्रशिक्षित किया और उनका अभ्यास कराया। उन्होंने सार्थक एवं सफल जीवन हेतु संतुलन, सेवा, सहयोग, सदभाव और सामंजस्य की कला सीखने और इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु योग और ध्यान की महत्ता पर प्रकाश डाला।
द्वितीय सत्र में उद्यान विकास अधिकारी डॉ. निधि ने युवा बेटियों से संवाद करते हुए बागवानी को भोजन, पोषण, खाद्य सुरक्षा और आर्थिक गतिविधियों का अभिन्न अंग बताते हुए उन्हें बागवानी क्षेत्र में उपलब्ध संभावनाओं और अवसरों से अवगत कराया और उन्हें इस क्षेत्र में भविष्य आजमाने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने बागवानी को जलवायु परिवर्तन से जुड़े जोखिमों को कम करने में उपयोगी मानते हुए बेटियों से पौधारोपण जैसे सामुदायिक कार्यक्रमों का नेतृत्व करने का आह्वान किया ताकि धरा को आने वाली पीढिय़ों के लिए सुरक्षित रखा जा सके।
तृतीय सत्र की अध्यक्षता करते हुए नागरिक अस्पताल सुजानपुर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर पंकज ने कहा कि वर्ष 2030 तक सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए न केवल युवाओं को स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में बढ़ चढक़र भाग लेना होगा अपितु उन्हें अपनी सेहत और बेहतरी पर भी विशेष ध्यान देना होगा। उन्हें मादक पदार्थों के इस्तेमाल से बचना होगा और सडक़ सुरक्षा जैसे विषयों में अपने व्यवहार में परिवर्तन लाना होगा। कार्यक्रम का चौथा सत्र ग्रामीण विकास में युवाओं की भूमिका पर केंद्रित रहा। सत्र को संबोधित करते हुए बीडीओ राजेश्वर भाटिया ने कहा कि युवा समस्या सुलझाने वाले, नवोन्मेषी और रचनात्मक होते हैं। वे टेक्नोलॉजी और नवीन अनुसंधान में कुशल होते हैं। चुनौतियों को स्वीकारने की क्षमता और नए अवसरों के सृजन की कला से वे ग्रामीण विकास को नई दिशा दे सकते हैं।
कार्यक्रम का पांचवां सत्र पोषण और महिला एवं बाल विकास पर केंद्रित रहा। सत्र को संबोधित करते हुए सीडीपीओ कुलदीप सिंह चौहान ने चैंपियन बेटियों को अवगत कराया कि पोषण आधारित शिक्षा जनमानस के सकारात्मक व्यवहार और इस तरह राष्ट्र के स्वास्थ्य व्यवहार को सीधा प्रभावित करती है।
अंतिम सत्र में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं एसडीएम राकेश शर्मा ने चौंपियन बेटियों को समाज और मानवता की अमूल्य धरोहर बताते हुए उनसे सामाजिक व्यवहार परिवर्तन का अग्रदूत बनने का अनुरोध किया। उन्होंने युवा बेटियों से स्वतंत्र एवं समावेशी सोच अपनाने, अपनी क्षमताओं का आकलन करने की कला सीखने, अपने निर्णय स्वयं लेने, चुनौतियों को स्वीकारने और चुनौतियों में नए अवसर तलाशने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सार्थक चिंतन, मनन और अध्ययन उन्हें इस कला में पारंगत बना सकता है। इस अवसर पर युवा बेटियों के लिए प्रसिद्ध मनोविज्ञानी, लेखक एवं प्रेरक वक्ता जोसेफ मर्सी की प्रसिद्ध पुस्तकें ‘आपके अवचेतन मन की शक्ति’ और ‘स्वयं में विश्वास’ भेंट की गई और उनके अभिभावकों को बेटियों के नाम पौधे रोपित करने के लिए दिए गए।