पहलवान बजरंग पूनिया को पंचायत ने दिया चैलेंज, विशाल को हरा दे तो देंगे 27 लाख, कार और एक भैंस

पहलवान बजरंग पूनिया का एशियन गेम्स में बिना ट्रायल के सलेक्शन का मामला उलझता ही जा रहा है। इस मामले में हरियाणा में हिसार के सबसे बड़े गांव सिसाए में पंचायत हुई। पंचायत में बजरंग पूनिया को विशाल के साथ कुश्ती करने का खुला चैलेंज देते हुए कहा है कि यदि बजरंग पूनिया कुश्ती में विशाल कालीरामण को हरा देते हैं तो गांव बजरंग पूनिया को 27 लाख रुपय नगद, एक कार, एक भैंस देकर और पगड़ी पहनाकर सम्मानित करेगी।
अगर ऐसा नहीं हुआ तो।

पहलवान विशाल कालीरामण के परिजनों ने गांव में पंचायत करके फैसला लेते हुए कहा कि पहलवान बजरंग पूनिया जीता तो 11 लाख रुपये गांव की तरफ से, रामकुमार ने पांच लाख और 11 लाख बामला गांव के आस्ट्रेलिया में रह रहे सुनील ने देने का एलान किया है। विशाल के चाचा ने एक गाड़ी और ताऊ ने एक भैंस देने का एलान किया है। पंचायत की ओर से 10 दिन का समय दिया गया है। बजरंग पूनिया को बिना ट्रायल के एशियन गेम्स में भेजने के विरोध में वे दिल्ली में धरना देंगे। इसके लिए परमिशन भी मांगी गई है। जैसे ही परमिशन मिलती है तो वे धरना देने का काम करेंगे।

जींद की जाट धर्मशाला में शनिवार को इसी मामले को लेकर खापों की महापंचायत का आयोजन किया गया था। परंतु पंचायत में बात सिरे नहीं चढ़ सकी। ग्रामीणों का कहना है की उन्होंने कहा कि जब खापों के प्रतिनिधियों ने बजरंग पूनिया से इस मामले में बात की थी तो उन्होंने आश्वासन दिया था कि खापों के फैसले को वो स्वीकार करेंगे।

जींद पंचायत में किसी प्रकार की सहमति न बनने पर पूरा गांव विशाल कालीरामण के पक्ष में आ गया है। ग्रामीणों का कहना है कि विशाल ने कुश्ती के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया। हर खिलाड़ी का सपना अपने देश के लिए खेलने का होता है। जब विशाल का ट्रायल में चयन हो चुका है उसके बावजूद भी उसके साथ अन्याय किया जा रहा है। वो खिलाड़ियों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे।

विशाल कालीरामण के पिता सुभाष चंद्र का कहना है कि विशाल दिल्ली में प्रैक्टिस कर रहा है। उसे डिस्टर्ब नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि विशाल ट्रायल में प्रथम आया था। अब पूरे गांव ने ऐलान किया है कि वह विशाल के साथ है। विशाल के लिए लड़ाई लडेंगे और बजरंग को विशाल से बिना लड़े एशियन गेम्स में नहीं जाने देंगे।