पैराग्लाइडिंग बीड़ बिलिंग : सुरक्षा कर्मियों की देखरेख में उड़ेंगे पैराग्लाइडर पायलट

पैराग्लाइडिंग के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध बीड़ बिलिंग घाटी और धर्मशाला के इंद्रुनाग में दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए आधा दर्जन सुरक्षाकर्मियों की नियुक्ति की जाएगी। इन सुरक्षाकर्मियों की देखरेख में पायलट उड़ान भरेंगे और यह सुरक्षाकर्मी पायलटों के पंजीकरण और अन्य दस्तावेजों की समय-समय पर जांच करेंगे।

प्रत्येक पायलट की लॉग बुक व यूनिक कोड रखा जाएगा। एक पायलट एक दिन में उसकी लॉग बुक में निर्धारित की गई उड़ानों से अधिक उड़ानें नहीं भर सकेगा। प्रत्येक पायलट से एक उड़ान के 75 रुपये की राशि साडा के तहत ली जाएगी। तकनीकी और रेगुलेटरी कमेटियों और पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के सहयोग से पैराग्लाइडिंग के रेट निर्धारित कर दिए गए हैं।

शनिवार को धर्मशाला में जिलाधीश की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिए गए हैं। जिलाधीश निपुण जिंदल ने पूर्व में लिए गए निर्णय की समीक्षा की ओर पर्यटन विभाग तथा पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि औपचारिकताओं के पूरा होने के बाद पैराग्लाइडिंग की उड़ानों पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि गत 10 मार्च को बिलिंग में उड़ान भरते समय यूपी के गाजियाबाद के एक पर्यटक और बीड़ के युवा पायलट की दुर्घटना में मौत हो जाने के बाद 12 मार्च को जिला प्रशासन ने जिला में पैराग्लाइडिंग उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया था।

वहीं दूसरी तरफ चार अप्रैल को प्रदेश उच्च न्यायालय में दिसंबर माह में बंगलूरू के एक 12 वर्षीय बच्चे की बिलिंग को जाते समय जीप दुर्घटना में हुई मौत के मामले की सुनवाई प्रस्तावित है। माना जा रहा है कि इस सुनवाई के बाद पैराग्लाइडिंग पर लगे प्रतिबंध को हटाए जाने की उम्मीद है। बैठक में एडीएम रोहित राठौर, उपनिदेशक पर्यटन विनय कुमार, एसडीएम बैजनाथ सलीम आजम, एसडीएम धर्मशाला शिल्पी बेक्टा और पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के प्रतिनिधि मौजूद थे।