एसजेवीएन ने शिमला में किया प्रेस वार्ता का आयोजन।

वित्तीय वर्ष 2021-22 और वित्तीय वर्ष 2022-23 के प्रथम एवं द्वितीय तिमाही की मुख्य विशेषताएं
11 जुलाई 2021 नेपाल के काठमांडू में नेपाल के निवेश बोर्ड के साथ 679 मेगावाट लोअर अरुण एचईपी के लिए एमओयू पर

हस्ताक्षर किए।

14 अगस्त 2021 बिहार में 200 मेगावाट की ग्रिड कनेक्टेड सोलर पीवी विद्युत परियोजना हासिल की।
24 सितंबर 2021 सीपीएसयू योजना के तहत 1000 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना हासिल की।
3 नवंबर 2021 पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड से 100 मेगावाट ग्रिड कनेक्टेड सोलर पीवी विद्युत परियोजना हासिल

की।

12 नवंबर 2021 परासन सोलर पार्क, उत्‍तर प्रदेश में 75 मेगावाट सौर परियोजना की ईपीसी के लिए अनुबंध करार पर

हस्ताक्षर किए।

23 दिसंबर 2021 फ्लोटिंग सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए डीवीसी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
27 दिसंबर 2021 भारत के प्रधानमंत्री ने वर्चुअली एसजेवीएन की 210 मेगावाट की लूहरी चरण-1 और 66 मेगावाट की

धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजना की आधारशिला रखी।

29 दिसंबर 2021 अरुणाचल प्रदेश सरकार द्वारा 5097 मेगावाट की कुल क्षमता वाली पांच जल विद्युत परियोजनाएं आबंटित

की गई।

11 जनवरी 2022 सीईआरसी द्वारा विद्युत के अंतर्राज्यीय ट्रेडिंग के लिए पावर ट्रेडिंग लाइसेंस प्रदान किया गया।
11 जनवरी 2022 125 मेगावाट क्षमता की दो ग्रिड कनेक्टेड सौर ऊर्जा परियोजनाएं हासिल की गई।
28 जनवरी 2022 बिहार में कार्यान्वित की जा रही सौर ऊर्जा परियोजना से 3.11 रुपए प्रति रुपए केडब्‍ल्‍यूएच के टैरिफ पर
200 मेगावाट विद्युत की खरीद के लिए बिहार नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी द्वारा आशय पत्र जारी
किया गया।

4 फरवरी 2022 382 मेगावाट सुन्नी डैम एचईपी के लिए पर्यावरणीय मंजूरी प्रदान की गई।
25 फरवरी 2022 एमएनआरई ने हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में एसजेवीएन द्वारा 400 मेगावाट सौर पार्क के विकास को मंजूरी

दी।

26 फरवरी 2022 हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर जिले के नीला गांव के समीप, नंगल जलाशय में 15 मेगावाट ग्रिड कनेक्टेड

फ्लोटिंग सोलर पीवी विद्युत परियोजना हासिल की गई।

3 मार्च 2022 75 मेगावाट परासन सौर ऊर्जा परियोजना के लिए वित्तीय क्‍लोजर हासिल किया गया।
17 मार्च 2022 गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (जीयूवीएनएल) द्वारा आयोजित टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली के

माध्यम से गुजरात में 100 मेगावाट ग्रिड कनेक्टेड सौर ऊर्जा परियोजना हासिल की।

31 मार्च 2022 पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्‍थ कंपनी – एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल) का गठन किया।
11 अप्रैल 2022 नेपाल के निवेश बोर्ड द्वारा लोअर अरुण एचईपी के लिए डीपीआर अनुमोदित।
4 मई 2022 बीकानेर, राजस्थान में 1000 मेगावाट सौर परियोजना की ईपीसी के लिए मेसर्स टाटा पावर सोलर सिस्टम्स

लिमिटेड को अवार्ड पत्र जारी किया गया।

7 मई 2022 बिल्ड ओन एंड ऑपरेट आधार पर 3.26/- रुपए प्रति यूनिट की दर से 90 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर

परियोजना हासिल की गई।

13 मई 2022 70 मेगावाट की बगोदरा सौर ऊर्जा परियोजना के लिए वित्तीय क्‍लोजर हासिल किया गया।
16 मई 2022 नेपाल में 490 मेगावाट अरुण-4 जल विद्युत परियोजना के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
27 मई 2022 बिहार में 200 मेगावाट ग्रिड कनेक्टेड सौर ऊर्जा परियोजना के लिए दीर्घकालिक विद्युत खरीद समझौते पर

हस्ताक्षर किए गए।

7 जून 2022 75 मेगावाट की गुरहा सौर परियोजना का कार्य मैसर्स सोलरवर्ल्ड एनर्जी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को अवार्ड

किया गया।

एसजेवीएन प्रेस कांफ्रेंस – 30.09.2022

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16 जून 2022 50 मेगावाट की गुजराई सौर परियोजना का कार्य मेसर्स सोलरवर्ल्ड एनर्जी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को

अवार्ड किया गया।

23 जून 2022 पीएसपीसीएल के साथ 2.65 रुपए प्रति यूनिट के टैरिफ पर 100 मेगावाट के लिए विद्युत खरीद करार पर

हस्ताक्षर किए गए।

24 जून 2022 कारपोरेट मुख्यालय 'शक्ति सदन' फोर स्टार गृह रेटिंग के साथ हिमाचल प्रदेश का पहला भवन बना।
25 जुलाई 2022 एकल परियोजना के रूप में तांदी और राशिल जलविद्युत परियोजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए समग्र

प्रस्ताव हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा अनुमोदित।

26 जुलाई 2022 66 मेगावाट धौलासिद्ध एचईपी से 220 केवी डी/सी सिंगल ज़ेबरा, ट्रांसमिशन लाइन के निर्माण के लिए

अनुबंध करार पर हस्ताक्षर किए।

3 अगस्त 2022 100 मेगावाट राघनेस्दा सौर परियोजना के निष्पादनार्थ मैसर्स टाटा पावर सोलर सिस्टम्स लिमिटेड को अवार्ड

पत्र जारी किया गया।

3 अगस्त 2022 900 मेगावाट अरुण-3 जलविद्युत परियोजना और 669 मेगावाट लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना से

उत्पन्न होने वाली विद्युत की बिक्री के लिए पीटीसी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

4 अगस्त 2022 1000 मेगावाट बीकानेर सौर ऊर्जा परियोजना के विकास के लिए 2043 एकड़ भूमि के लिए, भारत में एकल

सबसे बड़ी रजिस्ट्रियों में से एक, निष्पादित की गई।

4 अगस्त 2022 मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में 90 मेगावाट की फ्लोटिंग सोलर परियोजना के लिए विद्युत खरीद करार पर

हस्ताक्षर किए गए।

5 अगस्त 2022 महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा ई-रिवर्स नीलामी के माध्यम से 200 मेगावाट सौर ऊर्जा

परियोजना हासिल की गई।

8 अगस्त 2022 विद्युत मंत्रालय ने 12610 मेगावाट की अनुमानित क्षमता की 10 पंप स्‍टोरेज परियोजनाओं को

पुनर्निदिष्‍ट किया है।

23 अगस्त 2022 210 मेगावाट लूहरी स्टेज -1 जलविद्युत परियोजना के लिए 220 केवी डी/सी सिंगल ज़ेबरा ट्रांसमिशन लाइन

के निर्माण के लिए कल्पतरु पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड के साथ अनुबंध करार पर हस्ताक्षर किए।

23 अगस्त 2022 382 मेगावाट सुन्नी डैम एचईपी के लिए वन मंजूरी चरण-2 प्रदान की गई।
24 अगस्त 2022 राजस्थान में 10 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं/पार्कों के विकास के लिए राजस्थान सरकार के

साथ एमओयू हस्ताक्षरि‍त किया गया।

15 सितंबर 2022 100 मेगावाट राघनेस्दा सौर परियोजना के लिए 612.71 करोड़ रुपए के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।
वित्तीय वर्ष 2021-22 और वित्तीय वर्ष 2022-23 के प्रथम एवं द्वितीय तिमाही के दौरान एसजेवीएन को दिए गए अवार्ड
3 सितंबर 2021 दून एंड ब्रैडस्ट्रीट – कारपोरेट अवार्ड 2021 से सम्मानित।
15 दिसंबर 2021 सामुदायिक प्रभाव में जन प्रबंधन और उत्कृष्टता के क्षेत्र में भविष्य केंद्रित उत्कृष्टता के लिए एसएचआरएम

इंडिया एचआर एक्सीलेंस अवार्ड 2021 से सम्मानित।

25 मार्च 2022 सामुदायिक देखभाल के लिए सर्वश्रेष्ठ कोविड -19 समाधान के लिए विश्व सीएसआर कांग्रेस द्वारा ग्लोबल

सीएसआर एक्सीलेंस एंड लीडरशिप अवार्ड से सम्मानित।

8 अप्रैल 2022 'कोरोना वारियर्स अवार्ड' और 'पार्टनर्स इन प्रोग्रेस' श्रेणियों में 13वें सीआईडीसी विश्वकर्मा पुरस्कार 2022 से

सम्मानित।

27 जून 2022 भारत सरकार द्वारा स्वच्छता पखवाड़ा अवार्ड 2022 में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित।
25 अगस्त 2022 पर्यावरण संरक्षण में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए ग्रीनटेक पुरस्कार से सम्मानित।
28 अगस्त 2022 12वें एक्‍सीड इनवायरमेंट, एचआर एंड सीएसआर अवार्ड 2022 में दो गोल्‍ड अवार्ड प्राप्‍त किए।

एसजेवीएन प्रेस कांफ्रेंस – 30.09.2022

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विद्युत उत्‍पादन माईलस्‍टोन
वित्‍तीय वर्ष
2019-20

वित्‍तीय वर्ष
2020-21

वित्‍तीय वर्ष
2021-22

सभी पावर स्टेशनों की डिजाइन एनर्जी ~8703 मि.यू.
विद्युत उत्‍पादन 9678 मि.यू. 9224 मि.यू. 9208 मि.यू.
i. 1500 मेगावाट एनजेएचपीएस ने दिनांक 29.08.2022 को 39.526 मि.यू. का एकल दिवस में अब तक का उच्चतम विद्युत
उत्पादन हासिल किया।
ii. 412 मेगावाट रामपुर एचपीएस ने दिनांक 26.08.2022 को, एक दिन में 10.908 मि.यू. का अब तक का उच्चतम विद्युत
उत्पादन हासिल किया।
iii. वित्तीय वर्ष 2021-22 में सभी विद्युत स्टेशनों द्वारा 4404 मि.यू. का अब तक का उच्चतम तिमाही विद्युत उत्पादन अर्थात
द्वितीय तिमाही में 4392 मि.यू. के गत रिकॉर्ड को पार किया है।
एसजेवीएन परिचय
भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय विद्युत क्षेत्र का उपक्रम एसजेवीएन लिमिटेड, की भारत सरकार और
हिमाचल प्रदेश सरकार के मध्‍य एक संयुक्त उपक्रम के रूप में 24 मई 1988 को स्‍थापना की गई। एसजेवीएन को वर्ष 2010 में स्टॉक
एक्सचेंजों में सूचीबद्ध किया गया और भारत सरकार के पास 59.92% शेयर, हिमाचल प्रदेश सरकार के 26.85% शेयर और शेष 13.23%
शेयर पब्लिक के पास हैं।
इसकी स्‍थापना के पश्‍चात, एसजेवीएन ने हिमाचल प्रदेश में सतलुज नदी पर 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी जल विद्युत
परियोजना का निर्माण आरंभ किया। भारत के सबसे बड़े भूमिगत विद्युत गृह के साथ यह जलविद्युत स्टेशन वर्ष 2003-04 में कमीशन
किया गया। तब से, एसजेवीएन ने छह और विद्युत स्टेशनों को कमीशन किया है, जिसमें हिमाचल प्रदेश में 412 मेगावाट रामपुर
जलविद्युत स्टेशन, महाराष्ट्र में 47.6 मेगावाट की खिरवीरे पवन ऊर्जा स्टेशन, गुजरात में 5.6 मेगावाट चारंका सौर ऊर्जा स्टेशन, गुजरात
में 50 मेगावाट की सादला पवन ऊर्जा स्टेशन तथा हिमाचल प्रदेश में 1.31 मेगावाट ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर स्टेशन और 310
केडब्‍ल्‍यू ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट शामिल हैं।
एसजेवीएन ने एकल राज्य में एकल परियोजना प्रचालन के साथ आरंभ किया और आज भारत के ग्यारह राज्यों में विद्युत
परियोजनाओं को कार्यान्वि‍त कर रहा है तथा पड़ोसी देशों जैसे नेपाल और भूटान में परियोजनाओं को निष्‍पादित करके अंतर्राष्ट्रीय स्तर
पर भी प्रवेश किया है। एसजेवीएन की वर्तमान स्थापित क्षमता 2016.51 मेगावाट (1912 मेगावाट जलविद्युत; 97.6 मेगावाट पवन ऊर्जा
और 6.91 मेगावाट सौर ऊर्जा सहित) और 86 किमी 400 केवी ट्रांसमिशन लाइन है। इसके अलावा, अरुण-3 एचईपी से 217 किमी की एक
और ट्रांसमिशन लाईन निर्माणाधीन है, जबकि कंपनी ने हिमाचल प्रदेश में 210 मेगावाट लूहरी एचईपी और 66 मेगावाट धौलासिद्ध
एचईपी के लिए ट्रांसमिशन लाइनों के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।
वर्तमान में एसजेवीएन का कुल परियोजना पोर्टफोलियो 41,028 मेगावाट है। एसजेवीएन का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए
8,000 करोड़ रुपए के कैपेक्स लक्ष्य को हासिल करना है।

परियोजना पोर्टफोलियो

क्र.सं. परियोजना स्थापित क्षमता (मेगावाट)
प्रचालनाधीन परियोजनाएं
1. नाथपा झाकड़ी एचपीएस (हि.प्र.) 1500
2. रामपुर एचपीएस (हि.प्र.) 412
3. खिरवीरे पवन विद्युत स्‍टेशन (महाराष्ट्र) 47.6
4. सादला पवन विद्युत परियोजना(गुजरात) 50
5. चारंका सोलर पीवी विद्युत परियोजना (गुजरात) 5.6

एसजेवीएन प्रेस कांफ्रेंस – 30.09.2022

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6. एनजेएचपीएस (हि.प्र.) में सौर पीवी संयंत्र 1.3
कुल उत्पादनाधीन 2016.5 मे.वा.

1. 400 केवी ट्रांसमिशन लाइन। सुरसंद (नेपाल सीमा) से
मुजफ्फरपुर (बिहार)। (सीपीटीसी-जेवी- 26% शेयर)।

86 कि.मी.

निर्माणाधीन परियोजनाएं
1. अरुण- III एचईपी (नेपाल) 900
2. नैटवाड़ मोरी एचईपी (उत्तराखंड) 60
3. खोलोंग्‍चू एचईपी (भूटान) 600
4. लूहरी एचईपी स्टेज -1 (हि.प्र.) 210
5. धौलासिद्ध एचईपी (हि.प्र.) 66
6. बक्सर थर्मल विद्युत परियोजना (बिहार) 1320
7. बगोदरा सोलर विद्युत परियोजना (गुजरात) 70
8. पारासन सोलर विद्युत परियोजना (उ.प्र.) 75
9. बीकानेर राजस्थान में सीपीएसयू योजना के तहत एसपीपी 1000
10. गुरहा सोलर विद्युत परियोजना, उ.प्र. 75
11. गुजराई सोलर विद्युत परियोजना, उ.प्र. 50
12. राघनेस्दा सोलर विद्युत परियोजना (गुजरात) 100
कुल निर्माणाधीन 4526 मे.वा.
1 अरुण-3 ट्रांसमिशन, नेपाल 217 कि.मी.
2 मोरी स्नेल ट्रांसमिशन लाइन, उत्‍तराखंड/हि.प्र. 37 कि.मी.
विकास के विभिन्न चरणों में परियोजनाएं
क) पूर्व निर्माणाधीन
1. सुन्नी बांध एचईपी (हि.प्र.) 382
2. जाखोल सांकरी एचईपी (उत्तराखंड) 44
3. बिहार में जुमाई सोलर विद्युत परियोजना बीआरईडीए 125
4. बिहार में बांका सोलर विद्युत परियोजना बीआरईडीए 75
5. पीएसपीसीएल एसपीपी, पंजाब 100
6. नंगल बांध (बीबीएमबी) में फ्लोटिंग एसपीपी 15
7. बीबीएमबी ग्राउंड माउंटेड सोलर पीपी 18
8. जीयूवीएनएल फेज-XIII एसपीपी, गुजरात 100
9. ओंकेश्वर फ्लोटिंग एसपीपी, मध्‍य प्रदेश 90
10. जीयूवीएनएल फेज-XIV एसपीपी, गुजरात 260
11. महाराष्ट्र में एसपीपी 200
12. भंजल एवं कढ़ सौर ऊर्जा परियोजना, ऊना 20
13. फतेहपुर सौर ऊर्जा परियोजना, कांगड़ा 20
14. कोलार सौर ऊर्जा परियोजना, सिरमौर 30
15. इंदौरा सौर ऊर्जा परियोजना, कांगड़ा 13
16. भादपुर सौर ऊर्जा परियोजना, कांगड़ा 125

एसजेवीएन प्रेस कांफ्रेंस – 30.09.2022

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17. थापलान सोलर प्रोजेक्ट, अंब, ऊना 125
कुल पूर्व निर्माणाधीन 1742 मेगावाट

ख) एसएंडआई चरणाधीन
1 देवसारी एचईपी (उत्तराखंड) 194
2. लूहरी स्टेज- II एचईपी (हि.प्र.) 172
3. जंगी थोपन पोवारी एचईपी (हि.प्र.) 804
4. पूर्थी एचईपी (हि.प्र.) 234
5. बरदंग एचईपी (हि.प्र.) 175
6. रि‍ओली दुगली एचईपी (हि.प्र.) 456
7. सच खास एचईपी (हि.प्र.) 287
8. राशिल तांदी एचईपी (हि.प्र.) 268
9. लोअर अरुण एचईपी (नेपाल) 669
10. अरुण-4 एचईपी, नेपाल 490
11. तिंदी एसएचईपी- चिनाब बेसिन 4.4
12. छू एसएचईपी-चिनाब बेसिन 3.5
13. काज़ा सोलर पीपी (हि.प्र.) 880
14. किन्नौर सौर ऊर्जा पार्क (हि.प्र.) 400
15. राजस्‍थान सरकार के साथ एमओयू 10000
कुल एसएंडआई चरणाधीन 15036.9

ग) आबंटनाधीन
1. एटालिन एचईपी (अरुणाचल प्रदेश) 3097
2. अटुनली एचईपी (अरुणाचल प्रदेश) 680
3. एमिनी एचईपी (अरुणाचल प्रदेश) 500
4. अमूलिन एचईपी (अरुणाचल प्रदेश) 420
5. मिहुंमडन एचईपी (अरुणाचल प्रदेश) 400
6. कोलमोंडापाड़ा पीएसपी, महाराष्ट्र 800
7. सिद्धगढ़ पीएसपी, महाराष्ट्र 1500
8. चोरनाई पीएसपी, महाराष्ट्र 2000
9. बैतरनी पीएसपी, महाराष्ट्र 1800
10 जलवारा पीएसपी, महाराष्ट्र 2000
11 डाइज़ो लुई पीएसपी, मिजोरम 2000
12 चेराखड्ड पीएसपी, हि.प्र. 500
13 धुरमू पीएसपी, हि.प्र. 1600
14 पूर्थी एवं सच खास पीएसपी, हि.प्र. 190
15 धौलासिद्ध (साड्डा) पीएसपी, हि.प्र. 220
कुल आबंटनाधीन 17,707 मे.वा.
कुल योग 41,028.4 मे.वा.

एसजेवीएन प्रेस कांफ्रेंस – 30.09.2022

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कुल परियोजनाएं = 68 (3 ट्रांसमिशन लाइनों सहित)

वित्तीय मजबूती

वर्ष 2003-04 में अपने पहले जल विद्युत संयंत्र की स्थापना के पश्‍चात, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई के रूप में एसजेवीएन ने
उल्लेखनीय व्यावसायिक सफलता हासिल की है और एसजेवीएन की वर्तमान प्रदत्त पूंजी और अधिकृत पूंजी क्रमशः 3,929.80 करोड़ रुपए
और 7,000 करोड़ रुपए है। दिनांक 31.03.2022 को नेट वर्थ 13128.61 करोड़ रुपए है।
एसजेवीएन के लिए वर्ष 2021-22 एक और अच्छा वित्तीय वर्ष रहा जिसमें कुल राजस्व 2625.54 करोड़ रुपए दर्ज किया गया,
जबकि कर पूर्व लाभ 1290.34 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 977.52 करोड़ रुपए रहा। प्रति शेयर आय (ईपीएस) 2.49 रुपए दर्ज की गई और
एसजेवीएन ने वर्ष 2021-22 के लिए 1.70 रुपए प्रति शेयर के लाभांश की घोषणा की।
एसजेवीएन ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान पहली तिमाही के लिए अब तक का सबसे अधिक राजस्व और कर पश्चात लाभ
(पीएटी) दर्ज किया है। कंपनी ने 607.79 करोड़ रुपए का पीएटी दर्ज किया जबकि राजस्व 1070.50 करोड़ रुपए रहा। पहले उच्चतम दर्ज
राजस्व और पीएटी वित्तीय वर्ष 2015-16 में था, जब वे क्रमशः 920.35 करोड़ रुपए और 484.43 करोड़ रुपए था।

अधीनस्‍थ कंपनियां

(i) एसजेवीएन अरुण -3 पावर डेवलपमेंट कंपनी प्रा. लिमिटेड (एसएपीडीसी) नेपाल में स्‍थापित एसजेवीएन की पूर्ण स्वामित्व वाली
अधीनस्‍थ कंपनी है। कंपनी की स्‍थापना नेपाल के संखुवासभा जिले में 900 मेगावाट की अरुण-3 परियोजना को निष्पादित करने
के लिए की गई है।
(ii) एसजेवीएन थर्मल प्राइवेट लिमिटेड (एसटीपीएल) बिहार के जिला बक्सर में अवस्थित 1320 मेगावाट की बक्सर ताप विद्युत
परियोजना के निष्पादनार्थ स्‍थापित एक पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्‍थ कंपनी है।
(iii) एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड को नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकासार्थ मार्च 2022 में एक पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी के
रूप में स्‍थापित किया गया है।

संयुक्त उपक्रम

(i) क्रॉस बॉर्डर पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (सीपीटीसी) – नेपाल से ट्रांसमिशन लाइन के भारतीय हिस्से के कार्यान्वयन के लिए
पावरग्रिड, आईएल एंड एफएस एनर्जी डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड और नेपाल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के साथ एसजेवीएन लिमिटेड की
एक संयुक्त उपक्रम कंपनी है। सीपीटीसी ने नेपाल से इंटरकनेक्शन पॉइंट ढालकेबार से भारत में मुजफ्फरपुर जहां सब स्टेशन पर एक बे
एक्सटेंशन बनाया गया है, तक 86 किमी लंबी ट्विन मूस, 400 केवी डी/सी ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण और रखरखाव किया जा रहा
है। यह लाइन दिनांक 20.02.2016 को भारत और नेपाल के माननीय प्रधानमंत्रियों द्वारा संयुक्त रूप से राष्ट्र को समर्पित की गई।
वर्तमान में इस लाइन के माध्यम से नेपाल को लगभग 145 मेगावाट विद्युत का निर्यात किया जा रहा है।
(ii) खोलोंग्‍चू हाइड्रो एनर्जी लिमिटेड (केएचईएल) – भूटान में 600 मेगावाट की खोलोंग्‍चू जलविद्युत परियोजना को एसजेवीएन और ड्रूक
ग्रीन पावर कॉरपोरेशन (डीजीपीसी) भूटान के संयुक्त उपक्रम केएचईएल द्वारा निष्पादित किया जा रहा है।

पावर स्टेशन और ट्रांसमिशन लाइन

1. 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी जल विद्युत स्टेशन : यह भारत का सबसे बड़ा भूमिगत पावर स्टेशन है और यह मई 2004 से
पूरी तरह से परिचालित है। एनजेएचपीएस की डिजाइन एनर्जी प्रति वर्ष 6612 मिलियन यूनिट है, लेकिन वितीय वर्ष 2020-22
में पावर स्टेशन ने 7098.93 मिलियन यूनिट का उत्पादन किया। एनजेएचपीएस ने 29 अगस्त 2022 को एक ही दिन में
39.526 मिलियन यूनिट ऊर्जा उत्पादित की और 39.524 मिलियन यूनिट के पिछले रिकॉर्ड को पार कर 18 जुलाई 2022 को
यह रिकॉर्ड प्राप्त किया।
2. 412 मेगावाट रामपुर जल विद्युत स्टेशन : रामपुर हाइड्रो पावर स्टेशन एसजेवीएन की दूसरी परिचालित जल विद्युत
परियोजना है और एक कैस्केड प्लांट के रूप में नाथपा झाकडी पावर स्टेशन के साथ मिलकर काम करता है। 412 मेगावाट
रामपुर एचपीएस की डिजाइन ऊर्जा 1878 मिलियन यूनिट है, और पावर स्टेशन ने वितीय वर्ष 2020-21 में 1995.33
मिलियन यूनिट का उत्पादन किया। हाइड्रो पावर स्टेशन ने चालू वित्तीय वर्ष में 26 अगस्त 2022 को 10.908 एमयू का
उच्चतम दैनिक उत्पादन भी हासिल किया।

एसजेवीएन प्रेस कांफ्रेंस – 30.09.2022

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3. 47.6 मेगावाट खिरवीरे पवन ऊर्जा स्टेशन: एसजेवीएन ने महाराष्ट्र के अहमदनगर में 47.6 मेगावाट क्षमता का अपना पहला
पवन ऊर्जा स्टेशन स्थापित किया है। स्टेशन को वर्ष 2014 में कमीशंड किया गया था और यह स्टेशन महाराष्ट्र राज्य ग्रिड
को 47.6 मेगावाट विद्युत उपलब्ध कर रहा है।
4. 5.6 मेगावाट चारंका सौर ऊर्जा स्टेशन: एसजेवीएन ने मार्च 2017 में गुजरात के चारंका सौर ऊर्जा स्टेशन में 5.6 मेगावाट
क्षमता का अपना पहला सौर स्टेशन चालू किया, जिसके लिए गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के साथ 25 साल के
विद्युत खरीद करार हस्ताक्षरि‍त किया हैं।
5. 50 मेगावाट साडला पवन ऊर्जा स्टेशन: 50 मेगावाट की स्थापित क्षमता वाला साडला पवन ऊर्जा स्टेशन गुजरात के साडला में
है और एसजेवीएन की दूसरी पवन ऊर्जा परियोजना है। परियोजना के लिए विद्युत खरीद करार पर गुजरात ऊर्जा विकास
निगम लिमिटेड (जीयूवीएनएल) के साथ हस्ताक्षर किए गए हैं।
6. 1.31 मेगावाट ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर स्टेशन एनजेएचपीएस: बधाल में 1 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र और एनजेएचपीएस के
सर्ज शाफ्ट में 310 किलोवाट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित और कमीशंड किया गया है। दोनों पावर स्टेशन ग्रिड से जुड़े हुए हैं।
7. 400 केवी, डी / सी क्रॉस बॉर्डर ट्रांसमिशन लाइन: भारत-नेपाल सीमा पार विद्युत पारेषण लाइन परियोजना पर भारतीय भाग
(सीपीटीसी) अर्थात मुजफ्फरपुर-सुरसंड विद्युत पारेषण लाइन (86 किमी) 400 केवी, डी/सी मुजफ्फरपुर-धालकेबार का कार्य पूरा
हो चुका है और फरवरी 2016 से परिचालन में है।

भावी प्रयास

भारत के माननीय प्रधान मंत्री ने एक महत्वाकांक्षी अक्षय ऊर्जा लक्ष्य अर्थात 2022 तक 175 गीगावाट और 2030 तक
500 गीगावाट निर्धारित किया है। उसी के साथ, एसजेवीएन का लक्ष्य 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट
और 2040 तक 50000 मेगावाट की कंपनी बनना है, जिसमें अक्षय ऊर्जा के पोर्टफोलियो को कई गुना बढ़ाया जाएगा। एसजेवीएन
पूरे भारत में सोलर, विंड, हाइब्रिड, फ्लोटिंग सोलर, ओशन हाइब्रिड प्लेटफॉर्म स्थापित करने के अवसरों की लगातार तलाश कर रहा
है। ये अवसर आम तौर पर प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रियाओं के रूप में होते हैं।
एसजेवीएन प्रति वर्ष 1-1.5 गीगावॉट की दर से परियोजनाओं को जोड़ने के लिए सौर, पवन और हाइब्रिड (सौर + पवन)
के लिए विभिन्न अन्य आगामी प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रियाओं में भागीदारी की आशा कर रहा है। इसके अलावा, एसजेवीएन सरकारी
एजेंसियों से परियोजनाओं के सीधे आवंटन की भी उम्मीद कर रहा है।

समाज के प्रति अभिरुचि – सीएसआर प्रयास

एसजेवीएन, एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट नागरिक होने के नाते, अपनी परियोजनाओं के आसपास रहने वाले समुदाय के
कल्याण के लिए सदैव प्रयासरत है तथा भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुरूप कोविड तथा स्वच्छता एवं राष्ट्रभाषा हिन्दी को
बढ़ावा देने के लिए कंपनी ने एक सुविचारित कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व और स्थिरता नीति तैयार की है तथा कंपनी
अधिनियम, 2013 के अनुरूप उसे अपनाया है।
स्वास्थ्य देखभाल और स्वच्छता, शिक्षा और कौशल विकास, समाज के कमजोर वर्गों का सशक्तिकरण, लैंगिक समानता
को बढ़ावा देना, बुनियादी ढांचा और सामुदायिक विकास, संस्कृति, विरासत और खेल को बढ़ावा तथा संरक्षण देना, सतत विकास
को बढ़ावा देने तथा प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सहायता करने के साथ सीएसआर और स्थिरता कार्यक्रम 'एसजेवीएन फाउंडेशन'
के माध्यम से कार्यान्वित किए जाते हैं।

एसजेवीएन प्रेस कांफ्रेंस – 30.09.2022

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एसजेवीएन का मानना ​​है कि एक मजबूत प्रशासन को विकसित करना और सर्वोत्तम प्रशासन रीतियों को अपनाना
सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में एसजेवीएन का कुल कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व, व्यय 51.66 करोड़
रुपए है तथा विविध और कुशल नेतृत्व टीम कंपनी के अपने कार्यबल, व्यावसायिक भागीदारों और ग्राहकों के बीच नैतिक व्यवसाय
रीतियों के उत्साही प्रचार के पीछे प्रेरक शक्ति है।
मोबाइल स्वास्थ्य सेवा वर्ष 2012 में 4 राज्यों यथा हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और महाराष्ट्र के 11 जिलों, 101 ग्राम
पंचायतों और 197 सामुदायिक स्थानों को कवर करते हुए लोगों को उनके दरवाजे पर सुविधा प्रदान करने के लिए शुरू की गई
थी।
एसजेवीएन अपनी सामाजिक प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और हमेशा सीएसआर कार्यक्रमों के माध्यम
से हितधारकों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए सदैव प्रयासरत है तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए सर्वोत्तम रीतियों का भी
अनुपालन करता है।
एसजेवीएन, व्यावसायिकता, जवाबदेही, स्थिरता, टीम भावना, उत्कृष्टता, नवाचार और विश्वास के अपने बहुमूल्य मूल्यों पर
भरोसा करके अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में विश्वास करता है। हम, एसजेवीएन में वर्ष 2040 तक 50,000 मेगावाट की कंपनी
बनने और यहां तक कि वर्ष 2047 तक 60,000 मेगावाट कंपनी बनने के लक्ष्य से आगे बढ्ने के अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के
लिए ‘देवी एप’ (देवी ऐप) (निर्णय लेने की क्षमता, दक्षता, मूल्य, अखंडता, वैकल्पिक प्रस्तावों और आयोजना) के सुनहरे मंत्र का
पालन कर रहे हैं।