लैपटॉप, कंप्यूटर और टैबलेट के आयात पर लगा बैन, मोदी सरकार ने इसलिए उठाया ये बड़ा कदम।

केंद्र सरकार ने लैपटॉप, कंप्यूटर और टैबलेट के आयात पर बैन लगा दिया है. इस संबंध में गुरुवार को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है. हालांकि नोटिफिकेशन में ये भी कहा गया है कि इन प्रतिबंधित आइटम्स का आयात वैध लाइसेंस लेने के बाद किया जा सकेगा. मोदी सरकार ने ये फैसला मेक इन इंडिया पहल के बीच लिया है. जिससे भारतीय निर्माणकर्ताओं को लाभ होगा. मंत्रालय के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि एचएसएन 8741 के तहत आने वाले लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर के अलावा अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर कंप्यूटर और सर्वर के आयात पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया गया है. बात दें कि इस प्रतिबंध में ई-कॉमर्स पोर्टल अथवा पोस्ट या कूरियर के माध्यम से खरीदे गए कंप्यूटर भी शामिल हैं.

इन शर्तों के साथ कर करेंगे आयात

इसके साथ ही वाणिज्य मंत्रालय ने साफ किया है कि सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए गए इन इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स को कुछ शर्तों के आधार पर आयात किया जा सकेगा. जिसमें आयातित सामान का उपयोग केवल बताए गए उद्देश्यों के लिए ही करना होगा. यानी इन्हें बेचा नहीं जा सकेगा. इसके साथ ही उस प्रोडक्ट का उद्देश्य पूरा होने के बाद या तो नष्ट करना होगा या फिर निर्यात करना होगा. विदेश व्यापार महानिदेशालय ने अधिसूचना में कहा कि शोध एवं विकास, परीक्षण, बेंचमार्किंग और मूल्यांकन, मरम्मत और वापसी तथा उत्पाद विकास के उद्देश्य से प्रति खेप अब 20 वस्तुओं तक आयात लाइसेंस की छूट होगी. केंद्र सरकार के इस कदम का मकसद चीन जैसे देशों से आयात को कम करना है. इस अधिसूचना में कहा गया है, आयात से प्रतिबंधित चीजों को तुरंत बैन कर दिया गया है.

स्थानीय निर्माताओं को होगा लाभ

केंद्र की मोदी सरकार ने ये फैसला ‘मेक इन इंडिया’ मुहिम के बीच लिया है. जिससे लोकल मैन्युफैक्चर्स के साथ-साथ ऐसी विदेशी कंपनियों को भी फायदा होगा, जो भारत में अपनी यूनिट लगातार प्रोडक्शन कर देश में सप्लाई और दूसरे देशों को ये सामान निर्यात करती हैं. यही नहीं भारत सरकार के इस कदम का असर देश की आर्थिक स्थिति पर भी देखने को मिलेगा. क्योंकि इससे ट्रेड डेफिसिट में कमी आने की उम्मीद है.