सभी पात्र बच्चों तक पहुंचे सुख आश्रय योजना का लाभ : हेमराज बैरवा।

जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक में उपायुक्त ने अधिकारियों को दिए निर्देश
हमीरपुर 16 जून। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने जिला बाल संरक्षण समिति के पदाधिकारियों और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे बेसहारा बच्चों को मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के अंतर्गत दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं की जानकारी आम लोगों तक पहुंचाएं, ताकि सभी पात्र बच्चे इस योजना का भरपूर लाभ उठा सकें।
शुक्रवार को जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना प्रदेश सरकार की एक बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने एक विशेष पहल करते हुए बेसहारा बच्चों के लिए इस योजना के माध्यम से उन सभी सुविधाओं का प्रावधान किया है, जिनकी आज के दौर में बच्चों को आवश्यकता रहती है। यह एक ऐसी योजना है जो बेसहारा बच्चों को अपने सपने पूरे करने तथा जीवन में आगे बढऩे में किसी भी प्रकार की आर्थिक तंगी महसूस नहीं होने देगी। अब 18 वर्ष के बजाय 27 वर्ष तक प्रदेश सरकार ऐसे बच्चों की शिक्षा, कोचिंग, खान-पान, रहन-सहन और सैर-सपाटा इत्यादि से संबंधित सभी प्रकार की सुविधाएं प्रदान करेगी।
उपायुक्त ने बताया कि अपने माता-पिता खो चुके जिले के कुल 126 बच्चों को इस समय फोस्टर केयर योजना के तहत लाभान्वित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के लाभार्थियों के लिए आयु सीमा 27 वर्ष होने के बाद अब नए 104 पात्र बच्चे चिह्नित किए गए हैं। उपायुक्त ने कहा कि इन बच्चों को मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत लाभान्वित करने के लिए जिला बाल संरक्षण समिति के पदाधिकारी और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी विशेष अभियान चलाएं तथा इन बच्चों के घर जाकर सुख आश्रय योजना की जानकारी दें। इस योजना का लाभ उठाकर ये बच्चे बेहतर शिक्षा हासिल कर सकते हैं।
इस अवसर पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी तिलक राज आचार्य ने जिला में फोस्टर केयर और मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के क्रियान्वयन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी तथा बच्चों से संबंधित अन्य मुद्दों का ब्यौरा भी प्रस्तुत किया।
बैठक में डीआरडीए के परियोजना अधिकारी राजकुमार, जिला कार्यक्रम अधिकारी बलवीर सिंह बिरला, जिला कल्याण अधिकारी राकेश पुरी, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और अन्य विभागों के अधिकारी तथा जिला बाल संरक्षण समिति के गैर सरकारी सदस्य भी उपस्थित थे।