Homeहिमाचलकोहरे वाली कड़ाके की ठंड से सांस-दिल के मरीजों पर सर्दी का...

कोहरे वाली कड़ाके की ठंड से सांस-दिल के मरीजों पर सर्दी का अटैक, ऐसे बच सकती है जान

उत्तराखंड में  कोहरे वाली कड़ाके की ठंड ने सांस एवं दिल के मरीजों की समस्या बढ़ा दी है। सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत आने पर मरीज रात को अस्पताल पहुंच रहे हैं। ओपीडी में दिल, सांस, बीपी, दिमाग सुन्न, बच्चों में निमोनिया, स्किन में सूखापान की समस्या वाले मरीजों की संख्या 25 फीसदी तक बढ़ गई है।

दून अस्पताल के पंजीकरण प्रभारी विनोद नैनवाल के मुताबिक ओपीडी 1200 से 1800 तक पहुंच रही है। मेडिसिन में रोजाना 300 से 350, इमरजेंसी में 250, स्किन में 150 से ज्यादा, कॉडियोलॉजी में 50 से 60, रेस्पीरेटरी में 60-70, न्यूरो में 120, पीडिया में 50 से 60 मरीज पहुंच रहे हैं।

इमरजेंसी के ईएमओ डॉ. अमित अरुण, डॉ. प्रशांत चौधरी के मुताबिक रात में 80 फीसदी मरीज सांस-दिल की समस्या लेकर आ रहे हैं।

सांस फूलने-सीने में दर्द को न करें
नजरअंदाज वरिष्ठ कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. अमर उपाध्याय ने कहा कि सर्दी में ऑक्सीजन की कमी रहती है। रक्त वाहनियां संकरी हो जाती हैं। दिल के मरीजों की तकलीफ बढ़ जाती है।

बीपी सामान्य से कुछ ज्यादा रहता है, जो मरीजों के लिए समस्या पैदा करता है। मरीजों में घबराहट, हाई ब्लड प्रेशर, सीने में दबाव या जकड़न बढ़ जाती है।

ये रखें ख्याल 
फिजिशियन डॉ. कुमार जी कौल ने कहा कि सर्दी में गुनगुना पानी खूब पिएं। ठंडी चीचें न खाएं। धूल धुआं और प्रदूषण से बचें। बाहर जब जाएं तो मास्क लगाकर ही जाएं। ऊनी कपड़े पहनकर निकलें।

सांस की नली में सूजन, डोज बढ़ा रहे चिकित्सक
रेस्पीरेटरी मेडिसिन एचओडी डॉ. अनुराग अग्रवाल, चिकित्सक डॉ. अविशम गोयल ने कहा कि सर्दी में फेफड़ों में संक्रमण बढ़ रहा है। कोहरा-नमी ज्यादा होने से प्रदूषण के कण नीचे ही रहते हैं। बारीक कण सांस की नली एवं फेफड़ों तक पहुंच रहे हैं। मास्क जरूर पहनें।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!