सर्जरी के बाद कम हो रही है आंखों की रोशनी, शुगर मरीजों को ज्यादा खतरा

आंखों में मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद शुगर के मरीजों को अलर्ट रहने की जरूरत है। सर्जरी के बाद लापरवाही बरतना घातक हो सकता है। दून मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग के डॉक्टरों के रिसर्च में यह बात सामने आई है कि लापरवाही की वजह से मरीजों की आंखों की रोशनी कम हो रही है, पर्दों में भारी सूजन मिल रही है।

कई मरीजों को इलाज के लिए भर्ती तक करना पड़ रहा है। एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुशील ओझा, एपी डॉ. नीरज सारस्वत, पीजी डॉ. सचिन रुहेला की टीम ने ऐसे मरीजों पर हॉस्पिटल बेस स्टडी की।

डॉ. ओझा के मुताबिक छह महीने में 150 मरीज ऐसे आए जो मधुमेह से पीड़ित थे। मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद उन्होंने मॉनिटरिंग नहीं की, फॉलोअप जांच नहीं कराई। 40 मरीजों में डायबिटिक रेटीनोपैथी, 25 के पर्दों में सूजन की समस्या मिली।

सर्जरी के बाद दिक्कत नहीं होगी, समझना भूल
शुगर पीड़ित समझते हैं कि मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद आगे दिक्कत नहीं होगी। जबकि स्थिति इसके विपरीत है, मरीजों में डायबीटिक रेटीनोपैथी का खतरा बढ़ जाता है। पर्दे में सूजन के साथ नजर जाने का खतरा बना रहता है।

हर दो माह में फॉलोअप जांच के लिए आना अनिवार्य
डॉ. ओझा के मुताबिक शोध में तथ्य सामने आने पर मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वाले हर मरीज को दो माह बाद फॉलोअप जांच के लिए बुलाना अनिवार्य किया गया है। पीजी छात्रों को मरीजों के नंबर दिए गए हैं, वह उन्हें फोन करेंगे। रूटीन जांच कराते रहें। इससे बीमारी समय से पता चलेगी। इलाज में लगने वाला समय और ज्यादा खर्च से बचा जा सकेगा।