पशुओं को लंपी रोग से बचाने के लिए सरकार विफल-किसान सभा आठ चितों को लाने पर ख़र्चे करोड़ों लेक़िन हज़ारों पशुओं की नहीं ली जा रही है सुध!

टिहरा मण्डी) – हिमाचल प्रदेश में पशुओं के लंपी चर्म रोग से संक्रमण के मामले प्रतिदिन तेजी से बढ़ रहे हैं लेकिन विभाग व सरकार इसकी रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम उठाने के नाकाम हो रही है।हिमाचल किसान सभा धर्मपुर खण्ड कमेटी ने इसके बचाव के लिए तुरन्त प्रभावी कदम उठाने की मांग की है।सभा के खण्ड अध्यक्ष रन्ताज राणा सचिव सुरेश शर्मा,बाला राम, कश्मीर सिंह, मेहर सिंह, रामचन्द, करतार चौहान, भाग सिंह लखरवाल, मोहनलाल, रूप चन्द, रुपलाल, टेक सिंह, सूरत सिंह इत्यादि ने प्रदेश ब जिला मंडी के अन्दर पशुओं में लंपी चर्म रोग अथवा लंपी वायरस के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी पर चिंता जताई है और लंपी वायरस से बचाव के लिए तुरन्त प्रभावी कदम उठाने की मांग की है और कहा कि कोविड महामारी की तर्ज पर इस बीमारी पर लगातार निगरानी रखने और हर दिन इसकी रिपोर्टिंग सार्वजनिक करने की मांग की है ताकि किसान सचेत रह सकें एवं जनता को जागरूक करने के लिए पशुपालन विभाग के प्रसार प्रकोष्ठ को सक्रिय करते हुए अन्य संचार माध्यमों, प्रचार सामग्री आदि के माध्यम से इस वायरस के प्रति विशेष मुहिम चलाने की मांग की जाती हे ।
पूर्व ज़िला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने कहा कि लंपी वायरस की वजह से जिन पशुपालकों के पशु मरे हैं उन्हें बबवा रोकथाम की दवाइयों की किट उपलब्ध करवाने की भी मांग की है। पशुपालन विभाग लंपी को महामारी घोषित किया है इसलिए पशु की मौत पर मुआवजा दिया जाए।उन्होंने बताया कि एक तरफ़ भाजपा सरकार आठ चितों को विदेशों से लाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है और उसे जरूरत से ज़्यादा प्रचारित कर रही है लेकिन देश में हज़ारों पशुओं को लगे इस रोग से बचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।