Jhansi Medical College Fire News- 10 नवजात जिंदा जले, 8 लापता , दिल दहला देने वाला हादसा।
उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित एक अस्पताल के नवजात गहन चिकित्सा कक्ष (NICU) में पुराने और एक्सपायर्ड फायर एक्सटिंग्यूशर्स पाए गए, जहां एक भीषण आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई। इसके अलावा, अस्पताल में सुरक्षा अलार्म भी नहीं बजे, जिससे शुक्रवार को मरीजों की सुरक्षित निकासी में देरी हुई। यह घटना महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हुई।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है और शनिवार शाम तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये का मुआवजा और घायलों को 50,000 रुपये देने की घोषणा भी की है।
आग के कारण के रूप में शॉर्ट सर्किट को जिम्मेदार बताया जा रहा है। समाजवादी पार्टी ने इस त्रासदी के लिए प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया, और कहा कि शुक्रवार दोपहर को हुआ शॉर्ट सर्किट नजरअंदाज कर दिया गया।
झांसी अस्पताल में आग: ताजा घटनाक्रम
प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि फायर एक्सटिंग्यूशर सिलेंडरों पर भरे जाने की तारीख 2019 थी और उनकी एक्सपायरी 2020 में हो चुकी थी। आग लगने के बाद, अस्पताल में लगे फायर अलार्म भी नहीं बजे, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना को दिल दहला देने वाला बताया और राज्य सरकार द्वारा घोषित सहायता के अलावा, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिवारों को अतिरिक्त 2 लाख रुपये देने की घोषणा की।
उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, जो स्वास्थ्य मंत्रालय भी संभालते हैं, ने कहा कि प्राथमिक जांच में यह पाया गया कि आग का कारण ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में शॉर्ट सर्किट था। हालांकि, एक गवाह ने इंडिया टुडे से कहा कि आग एक नर्स द्वारा ऑक्सीजन सिलेंडर की पाइप को ठीक करने के लिए वार्ड में माचिस जलाने से लगी थी।
समाजवादी पार्टी ने कहा कि सरकारी अस्पताल अब दुख, भ्रष्टाचार और लापरवाही का अड्डा बन गए हैं। मुख्यमंत्री पर हमला करते हुए अखिलेश यादव ने आदित्यनाथ से महाराष्ट्र चुनाव प्रचार छोड़कर राज्य में स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधाओं की खराब स्थिति पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया।
शुक्रवार रात करीब 10.30 बजे वार्ड में आग लगने से अस्पताल में भगदड़ मच गई। आग बुझाने में दो घंटे से ज्यादा का समय लग गया। घटनास्थल से सामने आई तस्वीरों में देखा गया कि जहां नवजात बच्चों को रखा गया था, वहां की सारी सुविधाएं पूरी तरह जल चुकी थीं।