नाबालिग से रेप के बाद हल्द्वानी संरक्षण गृह पर उठे कई सवाल, 2 महिला कर्मियों पर केस; जांच गठित

संरक्षण गृह की दो महिला कर्मचारियों के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने दुष्कर्म, पॉक्सो सहित कई गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है। दोनों महिला कर्मचारियों पर आरोप है कि वह संरक्षण गृह में रहने वाली एक 15 साल की नाबालिग को बाहर लेकर जाती थी। बताया जा रहा है कि बाहर नाबालिग से दुष्कर्म किया जाता था।

मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य रविंद्र रौतेला ने पुलिस को तहरीर दी। उनके मुताबिक संरक्षण गृह की महिला कर्मचारी दीपा और गंगा वहां रह रही एक नाबालिग को दूसरी जगह लेकर गई थीं।

उन्होंने आरोप लगाया कि उस स्थान पर नाबालिग से दुष्कर्म किया जाता था। शिकायत मिलने के बाद पुलिस अधिकारियों के साथ बाल कल्याण समिति के अधिकारी दंग रह गए। बाल कल्याण समिति के लोगों ने नाबालिग से इस मामले में बात कर पूरी जानकारी जुटाई है।

कोतवाली के रात्रि अधिकारी अंकुर सिंह ने बताया कि तहरीर मिलने पर दोनों महिला कर्मचारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 228 और 376 सहित 3/4 पॉक्सो व 16/17 पॉक्सो के तहत नामजद रिपोर्ट दर्ज की है। रात्रि अधिकारी ने बताया कि दोनों महिलाएं संरक्षण गृह की कर्मचारी हैं। मामले की जांच एसआई ज्योति कोरंगा को सौंपी गई है।

मंत्री ने गठित की उच्चस्तरीय जांच समिति
हल्द्वानी स्थित बाल संप्रेक्षण गृह की किशोरी द्वारा लगाए दुष्कर्म के आरोपों के बाद विभाग ने मुकदमें में नामजद अनुसेवक को निलंबित करने के साथ ही यहां तैनात होमगार्ड को भी वापस विभाग को लौटा दिया है। साथ ही प्रकरण की जांच के लिए उच्चस्तरीय जांच दल का गठन किया है।

विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि शनिवार सुबह घटना की जानकारी मिलने पर उन्होंने विभागीय सचिव और निदेशक के साथ बैठकर पूरी घटना की जानकारी ली। रेखा आर्य ने बताया कि किशोरी नौ नवंबर को ही संप्रेक्षण गृह में भर्ती की गई थी। वो अपने घर भी नहीं जाना चाहती है, इस बीच उसने गृह में तैनात अनुसेवक दीपा आर्या और होमगार्ड गंगा पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

इसी आधार पर पुलिस मुकदमा भी दर्ज कर चुकी है, इसलिए दीपा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही गंगा को भी वापस होमगार्ड को भेज दिया गया है। रेखा आर्या ने बताया कि उन्होंने इस प्रकरण में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के साथ ही विभागीय अधिकारियों से भी जानकारी ली है, सरकार प्रकरण की तटस्थता से जांच करवा रही है।

इसमें सीसीटीवी फुटैज की भी जांच की जाएगी। यदि कर्मचारियों की संलिप्तता पाई गई तो ऐसे प्रकरणों में जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कठोर कार्यवाई की जाएगी। इस बीच विभाग ने प्रकरण की विभागीय जांच के लिए देहरादून के मुख्य परिवीक्षा अधिकारी मोहित चौधरी और उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी अंजना गुप्ता की दो सदस्यी जांच टीम गठित की है।

कर्मचारियों पर संगीन आरोप लगे हैं, इसलिए जांच प्रभावित न हो इसके लिए निलंबन की कार्रवाई की गई है। साथ ही दो दिन के भीतर विभागीय जांच भी तलब की गई है। कर्मचारी किशोरी को बाहर किस काम और किसकी अनुमति से ले गए,यह भी देखा जाएगा। प्रारंभिक जांच में कर्मचारियों ने उपचार के लिए किशोरी को बाहर ले जाने की जानकारी दी है।