प्रदेश में चार दिन भारी वर्षा का ओरेंज और येलो अलर्ट।

हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर मानसून जोर पकड़ेगा और भारी बारिश से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग ने अगले चार दिन गरज के साथ भारी वर्षा की आशंका जताई है। इसे लेकर मैदानी व मध्य पर्वतीय इलाकों में ऑरेंज व येलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की हिदायत दी गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि 08 अगस्त तक मानसून के सक्रिय रहने से मौसम खराब रहेगा। चार व पांच अगस्त को भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जबकि 3 और 6 अगस्त तक राज्य में येलो अलर्ट जारी किया गया है। राज्य में भूस्खलन से अभी भी कई सड़कें बंद हैं। राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक भूस्खलन के कारण बुधवार को राज्य में एक नेशनल हाइवे और 301 सड़कें बंद रहीं। लोक निर्माण विभाग के शिमला ज़ोन में सबसे ज्यादा 169 सड़कें बंद हैं। मंडी ज़ोन में 101, कांगड़ा ज़ोन में 25 और हमीरपुर ज़ोन में पांच सड़कें बंद हैं।कालका-शिमला नेशनल हाइवे-पांच के अवरुद्ध होने से राजधानी शिमला का चंडीगढ़ से कई घंटे संपर्क कटा रहा। यह हाइवे शिमला को चंडीगढ़ से जोड़ता है। सोलन जिला के कोठी के पास बुधवार तड़के भूस्खलन होने से नेशनल हाइवे पूरी तरह अवरुद्ध हो गया। दोपहर बाद नेशनल हाइवे को हल्के वाहनों के लिए बहाल किया गया। राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में मानसून ने 24 जून को दस्तक दी थी, तब से लेकर अब तक वर्षा जनित हादसों में 197 लोगों की मौत हुई है। इनमें 57 लोगों की जान भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने की वजह से गई है। इसके अलावा विभिन्न हादसों में 31 लोग लापता हैं, जबकि 222 लोग घायल हैं। मानसून सीजन के दौरान 748 घर ध्वस्त हुए, वहीं 7248 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। 246 दुकानें और 2272 पशुशालाएं भी ध्वस्त हुईं। मानसून सीजन में अब तक 5745 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।