पूर्व सैन्य परिवारों के दम पर ही सुजानपुर ने रचा है सियासी इतिहास : राणा.

पूर्व सैनिक सम्मेलन में बोले राणा

पूर्व सैनिकों की जुटी भीड़ को देखकर हुए गदगद

बीजेपी का जाना ही होगा हितकर : मेजर जनरल धर्मवीर सिंह राणा

सुजानपुर 5 मार्च

सुजानपुर के चिल्ड्रन पार्क में गहमागहमी व भीड़ को देखकर बला के उत्साह से लबरेज विधायक राजेंद्र राणा ने सैन्य परिवारों की उमड़ी भीड़ से सीधा संवाद करते हुए कहा कि सुजानपुर को प्रदेश भर की राजनीति में सर्वोच्च साबित करने में पूर्व सैन्य परिवारों का विशेष योगदान है। जिसके लिए वह ताउम्र आभारी हैं। उन्होंने कहा कि मुझे याद है कि 2012 में जब उनकी टीम ने सरहदों पर सेवाएं देने वाले सैनिकों व पूर्व सैनिकों के साथ सैन्य परिवारों को सम्मानित करने के लिए आयोजन का फैसला लिया, उस रोज भारी बरसात हुई। बावजूद इसके उस समारोह में हजारों सैन्य परिवारों के परिजन जुटे। इसी रोज सुजानपुर के सियासी इतिहास को रचने की नींव पड़ी थी। राणा ने कहा कि मुझे याद है कि जब मुझे पूर्व सैनिकों की फौज ने अपनी भाषा में मुझे यह आदेश दिया था कि आप चुनाव में उतरो, लड़ो, चुनावी जंग में कवर फायर हम देंगे। साथ ही यह हिदायत भी जारी की थी कि अगर आप हमारे आदेश के बावजूद चुनाव नहीं लड़ते हैं तो आपका सिविल कोर्ट मार्शल किया जाएगा यानि के बायकाट किया जाएगा। राणा ने कहा कि तब मुझे सैन्य भाषा व सैन्य आदेशों की इतनी समझ नहीं थी लेकिन उनके आदेश को मानते हुए जब मैंने 2012 का पहला चुनाव बतौर आजाद लड़ा और उसमें 14 हजार से ज्यादा मतों की जीत हासिल की तब उन्हें सैन्य परिवारों के हुकुम का विवेक समझ आया। क्योंकि इस सम्मेलन में सैन्य अधिकारियों ने यह ऐलान भी किया था कि आप चुनाव लड़ें, टिकट इस बार आपको पूर्व सैनिकों की फौज देगी। उन्होंने कहा कि उसी आदेश को सर्वोपरि मानकर मैंने चुनाव लड़ा। जिसमें टिकट भी सैन्य परिवारों का था व जीत में विशेष योगदान भी पूर्व सैनिकों के परिवारों ने सुनिश्चित करवाई थी। राणा ने कहा कि उसके बाद 2017 के चुनाव में इन्हीं पूर्व सैनिकों के फौलादी हौंसलों ने प्रदेश में एक बार फिर नया सियासी इतिहास रचा है। जिसके बारे में आप सब जानते हैं। उन्होंने अपने संबोधन में महंगाई, बेरोजगारी व आम आदमी के अन्य मुद्दों को लेकर भी सरकार को खूब घेरा व बीजेपी सरकार की नाकामियों पर चुन-चुन कर निशाने साधे। राणा ने बताया कि तानाशाही की राह पर चली बीजेपी सरकार न जनता की मानती है, न विपक्ष की सुनती है। जिस कारण से आम आदमी का भरोसा राजनीति से लगातार कम हुआ है। विज्ञापनों व पब्लिसिटी पर करोड़ों खर्च करने वाली बीजेपी सरकार ने आम आदमी का निवाला छीनने का हर संभव प्रयास किया है। राणा ने कहा कि सेवा-साधना की दिशा में सुजानपुर में पूर्व सैनिक विंगों, महिला मंडलों, युवक मंडलों, स्वयं सहायता समूहों व पूर्व सैनिकों ने अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन जारी रखा है। उन्होंने भीड़ के उत्साह की नवज पर हाथ रखते हुए कहा कि 6 महीने बाद आने वाले चुनाव में सुजानपुर की जनता व पूर्व सैनिकों की फौज आदेश करे कि उन्हें चुनाव लडऩा है या नहीं लडऩा है। जो आदेश जनता का आएगा उसकी पूरी पालना होगी।  राणा के संवाद पर उत्साहित भीड़ ने जवाब में हाथ खड़े करके कहा कि राणा न केवल चुनाव लड़ेंगे लेकिन इस बार एक और नया इतिहास रचेंगे। इस पर राणा ने कहा कि जनता का आदेश उन्हें हमेशा सर्वमान्य रहा है। आपका आदेश है तो मुझे यकीन है कि इस चुनावी जंग में कवर फायर सुजानपुर की जनता व पूर्व सैनिकों की फौज देगी और एक बार फिर मुझे सुजानपुर की सेवा के लिए सरकार में तैनात करेगी। मैं वचनबद्ध हूं कि सुजानपुर के विकास में कोई कोर कसर बाकी नहीं रहेगी। इस अवसर पर उन्होंने टोनी देवी में एसडीएम कार्यालय खोलने की मांग सरकार से रखी। राणा ने कहा कि बीजेपी की तानाशाही के कारण यह तय हो चुका है कि हिमाचल में भी बीजेपी का सूपड़ा साफ होगा जबकि 5 राज्यों के 10 मार्च को आने वाले नतीजे बीजेपी को बाहर करने का फरमान लेकर आएंगे। कारण साफ है कि बीजेपी की कारगुजारी से हर वर्ग तंग आ चुका है।

 

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इस अवसर पर पूर्व सैन्य अधिकारी मेजर जनरल धर्मवीर सिंह राणा ने पूर्व सैनिक सम्मेलन को संबोधन देते हुए कहा कि मोदी सरकार किसानों व जवानों के धुर विरोधी हैं। किसान सड़कों पर सालों तक संघर्ष करते रहे। इस संघर्ष में जहां हजारों किसान मौत के आगोश में समा गए वहीं सरहदों पर लगातार सेवाएं दे रहे सैनिकों की सहायतों का सिलसिला भी निरंतर जारी है। दिल्ली जंतमंत्र पर अरसे से सैनिक अपनी मांगों को लेकर धरने पर हैं। लेकिन असंवेदनशील मोदी सरकार तानाशाह बनकर न किसानों की सुन रही है न जवानों की मान रही है। ऐसे में इस सरकार का जाना ही देश के लिए हितकर होगा। इस अवसर पर कर्नल एस एस गुप्ता, कर्नल रमेश चंद गुप्ता, कर्नल डीसी राणा, कर्नल मनीष धीमान, कर्नल संजीव, कर्नल बिधि चंद लगवाल, कर्नल बीएस राजपूत, कर्नल यशवंत सिंह, मेजर जगत राम चौहान, मेजर नंद लाल वर्मा, कैप्टन ज्योति प्रकाश, कैप्टन मस्त राम गुलेरिया व हज़ारों की तादाद में पूर्व सैनिक व उनके परिवार शामिल रहे।