ग्रामीण विकास विभाग और अल्ट्राटेक सीमेंट ने गैर पुनर्चक्रण योग्य प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए समझौता ज्ञापन किया हस्ताक्षरित

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ग्रामीण विकास विभाग और अल्ट्राटेक सीमेंट ने गैर पुनर्चक्रण योग्य प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए समझौता ज्ञापन किया हस्ताक्षरित

राज्य में गैर-पुनर्चक्रण योग्य प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए ग्रामीण विकास विभाग और अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड के मध्य एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया है।
इस साझेदारी के तहत अल्ट्राटेक सीमेंट जिला सोलन के दाड़लाघाट के बागा में स्थित अपनी सीमेंट भट्टी में गैर-पुनर्चक्रण योग्य प्लास्टिक कचरे के सह-प्रसंस्करण के लिए विभाग के साथ सहयोग करेगी। यह नवोन्मेषी दृष्टिकोण पर्यावरण के अनुकूल अपशिष्ट निपटान विधियों के साथ संरेखित होगा और राज्य में पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के सरकार के मिशन में योगदान देगा।
समझौता ज्ञापन स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ावा देने की दिशा में ग्रामीण विकास विभाग और अल्ट्राटेक सीमेंट की साझा प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। गैर-पुनर्चक्रण योग्य कचरे के प्रसंस्करण और निपटान, पर्यावरण प्रदूषण को कम करने और लैंडफिल उपयोग को कम करने के लिए अल्ट्राटेक सीमेंट की उन्नत तकनीक से लाभ होगा।
प्रदेश में अंबुजा सीमेंट के प्लांट बिलासपुर, हमीरपुर, मंडी, सोलन और ऊना जिला के गैर-पुनर्चक्रण योग्य प्लास्टिक कचरे का निष्पादन करेंगे। वर्तमान में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 29 प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाइयों को चालू कर दिया गया है और इन इकाइयों के गैर-पुनर्चक्रण योग्य प्लास्टिक कचरे को भी सह-प्रसंस्करण के लिए अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट में भेजा जाएगा।
ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक राघव शर्मा ने कहा कि यह सहयोग स्वच्छ और हरित हिमाचल प्रदेश के दृष्टिकोण को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। अल्ट्राटेक सीमेंट के साथ साझेदारी करके विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि गैर-पुनर्चक्रण योग्य प्लास्टिक कचरे का पर्यावरण पर इसके प्रभाव को कम करते हुए स्थायी समाधान के लिए उचित प्रबंधन किया जाएगा।
अल्ट्राटेक सीमेंट के प्रतिनिधि ने कहा कि उन्हें हिमाचल प्रदेश के अपशिष्ट प्रबंधन लक्ष्यों में योगदान करने पर गर्व है। यह पहल सतत विकास के प्रति अल्ट्राटेक की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।