उप-तहसील कलोल व शाहतलाई के अन्तर्गत आने वाले विद्यालयों का बनाया जाये एक खेल जोन कलोल।

उप-तहसील कलोल व उप-तहसील शाहतलाई के अधीन आने वाले क्षेत्र मे कुल सोलह (16) रा0 व0 मा0 विद्यालय आते हैं। जिनमें क्रमशः उप-तहसील कलोल के अंतर्गत रा0 वरिष्ठ मा० विद्यालय धनीपखर, सलवाड, मरोत्तन, जेजवीं कलोल, मलराँव, भड़ोली कलाँ, भेडी, जड्डू-कुल्जयार, व हाल ही में डिनोटिफाई हुई उप-तहसील शाहतलाई के अधीन रा०व०मा० विद्यालय घराण, ठठल जंगल, कोसरियां, निघ्यार, तलाई, दसलेहड़ा व घण्डीर आते हैं। इन दोनों उप-तहसील के अंतर्गत कुल 16 विद्यालय (9+7 ) आते है जिनमें से 14 चौदह विद्यालय शाहतलाई से धनीपखर तक एक ही लाइन में आते हैं। कोटधार का मुख्य शहर शाहतलाई है जहां से पूरे दिन भर बसों का आना-जाना कोटधार में होता है। पिछड़ा क्षेत्र के नाम से जाना जाने वाला यह क्षेत्र तीनों तरफ से गोविन्द सागर से घिरा हुआ है जिसमें कुल चौदह पंचायतें आती है। जिसकी कुल दूरी (40) कि०मी० है ।
विषय उच्च शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में बनाए व संशोधित किये गये स्पोर्ट्स जोन से सम्बन्धित है जिसका विवरण निम्न है जिला बिलासपुर के अंतर्गत उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कुल आठ जोन बनाए गए है जिसमें दो जोन झंडूता व बरठीं भी बनाए गए हैं। जिनके नजदीक सात-सात विद्यालय पड़ते हैं व आपस की दूरी भी मात्र दस कि०मी० ही है व एक ही तहसील झण्डुता के अंतर्गत आते हैं। जबकि दो उप-तहसीलों के अंतर्गत 16 सोलह विद्यालय आते हैं जिनमें से 13 विद्यालय पिछड़ा क्षेत्र कोटधार के व 03 अन्य है । पिछड़ा क्षेत्र कोटधार की उप-तहसील कलोल जोकि इस क्षेत्र के मध्य में पड़ती है। कलोल से शाहतलाई व धनीपखर की दूरी 20-20 कि०मी० ही रह जाती है। कलोल को स्पोर्टस जोन नहीं बनाया गया।
इस क्षेत्र के 09 विद्यालय झण्डूता व 07 विद्यालय बरठी से जोडें गये है।
दो विद्यालय दसलेहड़ा व घण्डीर दोनों जोनों बरठी झण्डूता व कलोल के मध्य में पड़ते हैं।
झण्डूता जोन के एक छोर व दूसरे छोर के विद्यालय की दूरी लगभग (80) कि०मी० है रा०व०मा० विद्यालय ( धनीपखर) व रा०व०मा० विद्यालय (धनतर) है। बरठी जोन के कोसरियां व कपाहड़ा की दूरी भी लगभग साठ (60) कि0मी0 है।

यदि कलोल को अलग जोन बना दिया जाए तो यह दूरी 40 (चालीस) कि०मी० रह जायेगी व बरठी व झण्डूता को मिला दिया जाए तो यह दूरी भी लगभग 40 कि0मी0 ही रह जायेगी ।
कोटधार के धनी पखर, मलराँव, जड्डू – कुल्जयार आदि विद्यालयों धनतर, गहड़वी आदि विद्यालयों तक पहुंचने के लिए चार-पाँच बसे बदलनी पड़ती हैं। झण्डूता व कोटधार के बीच माँडवा पुल के पास लैंड सालाइडिंग भी होती रहती है यदि यह सड़क बंद हो जाए तो फिर बरठी – सुन्हानी होकर भी जाना पड़ता है जिससे यह दूरी और भी बढ़ जाती है।
अभी जो स्पोर्टस जोन बनाए गए हैं उसमें प्रत्येक जोन में 14-15 स्कूलों को शामिल किया गया है, जिस मुताबिक पिछड़ा क्षेत्र कोटधार के अंतर्गत 14 स्कूलों का अलग से कलोल नाम से एक जोन बनाया जाए व झण्डूता, बरठीं जोन के 7+7 स्कूलों को क्लब करके एक जोन बनाया जाए। इस क्षेत्र के लोग काफी समय से यह मांग कर रहे है कि कलोल को अलग जोन बनाया जाए, जिसे पिछड़ा क्षेत्र कोटधार की समस्या दूर हो सके।
इलाका के समस्त चुने हुए प्रतिनिधियों की पुरजोर मांग है जिनमें :
कोटधार के जिला परिषद जेजवीं वार्ड राज कुमार, कोटधार के समस्त प्रधान : प्रधान सलवाड़ कांशी राम, प्रधान सनीहरा कमल चौहान, प्रधान कलोल राज कुमार, डुडिया प्रधान कुसुम लता, जेजवीं प्रधान रीना पुंडीर, मलरांव प्रधान ओंकार चंदेल, घराण प्रधान राज कुमार कौंडल, भड़ोली कलां पंचायत प्रधान सोना कुमारी ,धनि पंचायत प्रधान मीना कुमारी , पपलोआ पंचायत प्रधान बंदना ठाकुर ,पूर्व प्रधान पपलोआ पंचायत प्रेम सिंह ठाकुर , नाघियार पंचायत प्रधान बबिता कुमार , उप-प्रधान कलोल राकेश कुमार शर्मा, घराण के उप-प्रधान भाग सिंह, बी०डी०सी० सदस्य 19 (नघियार) पंकज बन्याल, व अन्य समस्त इलाका के बी०डी०सी० सदस्य, मलरांव के एसएमसी के अध्यक्ष सुबेदार सुरेन्द्र सिंह चन्देल, भेड़ी की एसएमसी अध्यक्षा अल्का देवी, तलाई के पूर्व एसएमसी अध्यक्ष वीपिन सोनी, रश्म सिंह चन्देल कलोल व समस्त कोटधार के निवासीयों की हिमाचल प्रदेश सरकार व उच्च शिक्षा निदेशक हिमाचल प्रदेश से मांग है कि कलोल को स्पोर्टस जोन बनाया जाये। जिससे कोटधार के खिलाड़ी बच्चों को अधिक से अधिक फायदा होगा।

बता दें कि महेन्दर सिंह अखिल भारतीय गुर्जर महासभा इकाई के पूर्व महासचिव ने इलाका के सभी चुने हुए प्रतिनिधियों से सहमति लेकर यह जानकारी मीडिया के साथ साँझा की है।तथा लोगो की आवाज बनकर यह मांग निदेशक उच्च शिक्षा विभाग व् हिमाचल प्रदेश सरकार से की है।

कलोल जोन के अन्तर्गत आने वाले विद्यालयों की उपलब्धियां :

1. कलोल विद्यालय कबड्डी में सात बार जिला चैपियन रह चुका है व बाॅलीवाल में कई बार जिला विजेता रहा, हिन्दूस्तान के जीवित परमवीर चक्र विजेता सुबेदार संजय कुमार, डाॅ. बीरू राम किशोर पूर्व विधायक झण्डूता, कर्नल जसवन्त सिंह, डाॅ. सहगल CMO बिलासपुर, इसी विद्यालय के छात्र है।
2. भेड़ी विद्यालय बालीवाॅल में पाँच बार जिला विजेता व कुश्ती के लिए जाना जाता है। अमन कुमार हेलीकाप्टर पायलट, बी0डी0सी0 चेयरमेन
गेहडवीं विधान सभा क्षेत्र स्व0 श्री अबिया राम का गृह क्षेत्र ।
3. तलाई विद्यालय वालीवाॅल व एथलैटिक्स में काफी बार जिला विजेता रह चुका है। बैडमिंटन, कबड्डी व वालीवाॅल व एथलैटिक्स में भी
राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमा चुका है।
श्री रिखी राम कौंडल सहकारिता मंत्री व विधानसभा उपाध्यक्ष, श्री नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक, एसजेवीएन, आइएएस कमल
शर्मा, हिमाचल के पहले कबड्डी कोच व हि0प्र0 के पहले शारीरिक शिक्षा के प्रोफेसर व चैयरमैन हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला श्री
योगिन्द्र प्रसाद शर्मा भी इसी विद्यालय के छात्र रहे है। मेहर चन्द कबड्डी कोच साॅई धर्मशाला, एथलैटिक्स कोच अन्तराष्ट्रीय खिलाड़ी कमलेश
कुमारी इसी विद्यालय की छात्रा रही हैं। इसके अलावा बहुत सारे उच्चअधिकारी इस विद्यालय के छात्र रह चुके हैं।
4. घराण बालीवाॅल में लड़कियों ने कई बार जोन विजेता की ख्याति प्राप्त की है। बता दें कि यह क्षेत्र पूर्व सहकारिता मंत्री व विधासभा उपाध्यक्ष
स्व0 श्री रिखी राम कौंडल का गृह क्षेत्र है जो 5 बार गेहड़वी व झण्डूता विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं व उनके बेटे युवा नेता
राजकुमार कौंडल पूर्व बी0डी0सी0 उपाध्यक्ष झण्डूता व श्री शेर सिंह जी बी0डी0सी0 उपाध्यक्ष झण्डूता हैं। इस क्षेत्र के युवा एएसपी अशोक वर्मा
इसी विद्यालय के छात्र रह चुके हैं।
5. मलराँव-बैडमिंटन में तीन बार जिला विजेता।
6. सलवाड़ कबड्डी में कई बार जोन व जिला में स्थान प्राप्त कर चुका है। युवा कांग्रेस लीडर विवेक कुमार का गृह क्षेत्र।
7. जेजवीं एथलैटिक्स व कबड्डी में कई बार जिला चैपियन रह चुका है। महिला कांग्रेस सेवा दल हिमाचल प्रदेश की अध्यक्षा का गृह क्षेत्र ।
8. भड़ोली कलां-वालीवाॅल में जिला चैम्पियन रह चुका है।
9. निघ्यार: इस विद्यालय के होनहार बच्चें जज, प्रधानाचार्य व उच्च अधिकारी बने हैं। इसके अलावा अन्य विद्यालयों के भी बहुत अधिक
प्रतिभाशाली छात्र निकले हैं। समस्त कोटधार इलाके में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। प्रतिभा को देखते हुए कलोल को अलग जोन बनाना
उचित हैं।
10. मरोतन यह क्षेत्र बागछाल पुल के नजदीक पड़ता है इस पुल के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाने वाले कोटधार के वरिष्ठ प्रधान श्री कांशी राम का गृह क्षेत्र है जो सलवाड पंचायत के चार बार प्रधान रह चुके हैं और अभी भी प्रधान हैं। इसके अलावा गुर्जर कल्याण बोर्ड हिमाचल प्रदेश के कई बार सदस्य और अन्य औहदों पर रह चुके है।