प्रिंसिपल की प्रमोशन की फाइल दो सप्ताह से सचिवालय में खा रही है धूल।

प्रिंसिपल की प्रमोशन की फाइल दो सप्ताह से सचिवालय में धूल खा रही है जबकि समूचे प्रदेश में 200 के करीब वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बिना मुखिया के ही चल रहे हैं। और चुनावों के दोरान 50 प्रिसिंपल की रिटायर्मेंट की वजह से और 50 स्कूल बिना मुखिया के खाली हो जायेंगे जिससे प्रमोट होने वाले हेडमास्टर और सीधी भर्ती वाले प्रवक्ता महीनों से अपनी प्रमोशन के इंतजार में सरकार की तरफ आस लगाकर बैठे हुए हैं । तथा भाजपा सरकार से खफा हैं। स्मरण रहे कि स्कूल प्रिसिंपल बनने के लिए हेडमास्टर और लैक्चरर से 50:50 के अनुपात में प्रमोशन होती है। सचिव शिक्षा के दफ्तर से 5 सितम्बर को स्कूल प्रिसिंपल प्रमोशन के लिए निदेशक शिक्षा के दफ्तर से पैनल मँगवाया गया था। जिसे वहां से सभी औपचारिक्ताओं सहित सचिवालय भेज दिया गया है
लेकिन सचिव शिक्षा इस दिशा में कोई आवश्यक कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जिससे कहीं आचार संहिता लगने से यह प्रमोशन लिस्ट लटक ना जाये। स्कूल हेडमास्टर और लेक्चरर ने मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री से आग्रह किया है कि वह सचिव शिक्षा को उपरोक्त लिस्ट को शीघ्र निकालने के आदेश दें। अन्यथा उपरोक्त कैटेगरी के कर्मचारियों में सरकार के प्रति रोष में भारी ईजाफा होगा। जिसका खामियाजा सरकार को अफसरशाही के कारण आगामी चुनावों में भुगतना पड़ सकता है। वहीं इन लोगों का कहना है कि अगर सरकार को अपने चेहतों को फायदा पंहुचाना हो तो वह रिटायर्मेंट के आखिरी दिन भी प्रमोट कर देती है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर दो दिनों के अंदर स्कूल प्रिसिंपल की प्रमोशन की लिस्ट नहीं निकाली गई तो वह प्रदेश उच्च न्यायालय का दरवाजा खट-खटायेंगे। इधर प्रवक्ता संघ के प्रधान केसर सिंह से बात करने पर उन्होंने बताया कि प्रमोशन लिस्ट शिक्षा सचिव के टेबल पर पड़ी है लेकिन उचित कार्यवाही नहीं हो रही है ।उन्होंने मांग की कि यदि शीघ्र लिस्ट नहीं निकाली जाती तो इसके परिणाम भयंकर होंगे।