मेरे वेतन का एक-एक पैसा जनता के कामों में लगेगा
मैं एफएडेविट देने को तैयार, आप चाहें तो आरटीआई ले सकते हैं
सदर से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी बोले, हर कर्मचारी के साथ हूं
वर्षों तक प्रदेश का सिस्टम चलाने वाले विभिन्न विभागों में तैनात कर्मचारियों के लिए अगर पेंशन की सुविधा नहीं है तो फिर इन्हीं कर्मचारियों और जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि पेंशन कैसे ले सकते हैं। मैं लंबे समय से कर्मचारियों का संघर्ष देख रहा हूं। इसलिए मैंने फैसला लिया है कि यदि जनता का आशीर्वाद मुझे मिला और मैं विधायक बना तो पेंशन तो लूंगा ही नहीं और जो वेतन मुझे मिलेगा उसका एक-एक पैसा जनता की भलाई पर खर्च करूंगा। यह कहना है हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी आशीष शर्मा का। उन्होंने कहा कि यदि मेरे इस कथन पर किसी को शक हो तो मैं आज इसको लेकर ऐफिडेबिट दे सकता हंू। आशीष शर्मा ने कहा कि अगर वे जनता के आशीर्वाद से चुनकर विधानसभा में पहुंच गए तो प्रदेश का कोई भी व्यक्ति मेरे इस कथन को लेकर आरटीआई ले सकता है कि मुझे जो वेतन मिल रहा है उसका पैसा कहां खर्च हो रहा है। आशीष ने कहा कि वे पहले से ही कहते आए हैं कि मुझे पैसों के लिए जनता का नुमाइंदा नहीं बनना है। मैं हमीरपुर को एक नई दिशा देना चाहता हूं और यह तभी संभव हो पाएगा जब हमीरपुर की जनता मुझे अपना आशीर्वाद देगी। उन्होंने कहा कि मैं इसलिए चुनाव लड़कर जीतना चाहता हूं ताकि जनता को एक ऐसा सिस्टम दे सकूं कि पब्लिक द्वारा चुने गए प्रतिनिधि से मिलने के लिए उन्हीं लोगों को डर-डरकर न आना पड़े। उनके मन में किसी तरह की कोई हिचक न हो। वे बेझिझक जब चाहें अपने प्रतिनिधि के पास आएं क्योंकि उन्होंने ही उसे जिताकर आगे भेजा होता है। मैं उस गैप को खत्म करना चाहता हूं जोकि जनता और उनके द्वारा चुने गए प्रतिनिधि में अकसर देखने को मिलता है।
आशीष शर्मा के इस बयान से जनता के चुने हुए उन प्रतिनिधियों में खलबली मचने से इंकार नहीं किया जा सकता जोकि करोड़ों के मालिक होने के बावजूद विधानसभा सदनों में अपने वेतन और भत्तों को बढ़ाने के लिए विरोधी विचारधारा के बावजूद स्वर से स्वर मिलाते हुए नजर आते हैं। चुनावी बेला में आशीष द्वारा दिए गए इस बयान के क्या मायने और परिणाम देखने को मिलेंगे यह आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन उन्होंने ऐसे वक्त पर यह घोषणा की है जब प्रदेश का एक-एक मुलाजिम पेंशन के लिए सड़कों पर नजर आ रहा है। कर्मचारी उनके इस बयान को कितनी गंभीरता से लेता है यह उनके द्वारा किया गया मतदान तय करेगा।