ग्राम पंचायत मोरसिंधी बाजार से गद्दी समुदाय की भेड़ बकरियों का झूड बाजार से गुजरना हुआ।

जिले के उपमंडल घुमारवीं की ग्राम पंचायत मोरसिंधी बाजार से  गद्दी समुदाय की भेड़ बकरियो का झुंड  बाजार से निकलता हुआ। पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में गद्दी समुदाय की अपनी एक अलग ही पहचान है. अपनी भेड़ बकरियां चराने के लिए गद्दी घुमंतू जीवन जीते हैं।
प्रदेश के कई जिलों शिमला के डोडरा क्वार, किन्नौर, चंबा और कांगड़ा के गद्दी गर्मियों में ऊपरी और सर्दियों में निचले क्षेत्रों का रुख करते हैंl आजकल इस समुदाय के लोगों ने पहाड़ों में बर्फबारी के चलते निचले क्षेत्रों का रूख कर लिया है।
वहीं, भेड़ बकरियों के लिए अब चरान कम पड़ गए हैंlजंगलों में जंगली जानवरों चीते और भालू का हमेशा खतरा बना रहता हैl यही नहीं अब कुछ शरारती तत्व भेड़ बकरियों की चोरी में भी हाथ साफ करने लगे हैं। इसकी वजह से गद्दी समुदाय अपने पुश्तैनी काम को छोड़ने पर मजबूर हो रहा है।
 गद्दी समुदाय कई पुश्तों से भेड़ बकरियों को ही अपनी आय का साधन बनाए हुए है, लेकिन बच्चे अब इस काम को करने के इच्छुक नहीं हैlइसमें खतरा ज्यादा फायदा कम है. वैसे भी चरागाह भी कम हो रहे हैंl पहाड़ी इलाकों में पत्थर गिरने से भी भेड़ बकरियों की मौत हो जाती है।परिणामस्वरूप अब ये पुष्तैनी काम धीरे-धीरे कम हो रहा हैl जंगल में बाघ, चीते और भालू आदि अधिक है जो कभी भी हमला कर देते हैं। भेड़ बकरियों की बीमारियों से भी मौत हो जाती हैं।ऐसे में भेड़ बकरियों के झुंड को पालना मुश्किल प्रतीत हो रहा है।